तेजी से बढ़ता ब्लड प्रेशर और शुगर डैमेज कर रहा है किडनी, इन बातों का रखें ध्यान
जीवनशैली से जुड़ी बीमारी मधुमेह व उच्च रक्तचाप के कारण किडनी से संबंधित बीमारियां भी तेजी से बढऩे लगी हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : जीवनशैली से जुड़ी बीमारी मधुमेह व उच्च रक्तचाप के कारण किडनी से संबंधित बीमारियां भी तेजी से बढऩे लगी हैं। ऐसे में भयावह होती इस बीमारी से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गोयल बताते हैं कि इस तरह की स्थिति से परेशान 80 फीसद किडनी रोगी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। समय रहते उचित उपचार कराने से व्यक्ति सामान्य जिंदगी जी सकता है।
ये हैं बीमारी के कारण
- तेजी से शुगर बढऩा
- उच्च रक्तचाप
- एल्कोहल का अत्यधिक सेवन
- दूषित खानपान
- अनियमित दिनचर्या
- अत्यधिक तनाव की स्थिति
ये हैं लक्षण
- हाथ-पैरों और शरीर में सूजन
- सांस फूलना
- भूख न लगना
- वजन बढऩा
- कमजोरी व थकान
- उल्टी व जी मिचलाना
- पेशाब में प्रोटीन निकलना
किडनी की समस्या बढऩे के पांच चरण
पहला चरण - किडनी ठीक से फिल्टर करना बंद कर देती है।
दूसरा चरण - यूरिन में प्रोटीन की मात्रा अधिक आने लगती है।
तीसरा चरण - किडनी डिजीज के लक्षण सामने आने लगते है। क्रेटनीन बढऩे लगता है। ब्लड टेस्ट में यूरिया ज्यादा आना व शरीर में खुजली होने लगती है।
चौथा चरण - क्रेटनीन बढ़कर 2-4 हो जाता है। ऐसे में असावधानी मरीज को डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की स्टेज में पहुंचा सकती है।
पांचवां चरण- इसमें क्रेटनीन 4-5 या उससे ज्यादा हो जाता है। फिर मरीज के लिए डायलिसिस या ट्रांसप्लांट ही उपाय बचता है।
ये है इलाज
किडनी खराब होने पर स्थायी इलाज किडनी ट्रांसप्लांट ही है, लेकिन जब तक ट्रांसप्लांट नही होता, इसका अस्थायी समाधान डायलिसिस ही है। डॉ. रोहित ने बताया कि बीमारी का पता लगाने के लिए किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरीन बायोप्सी आदि करा सकते हैं।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
- खाने में नमक, सोडियम और हाई प्रोटीन की मात्रा को घटा दें
- ब्लड प्रेशर व शुगर की जांच समय पर करवाएं
- पानी को जरूरत के अनुसार पिएं
- एक्सरसाइज को नियमित करें व वजन को कंट्रोल करें
- शुद्ध खानपान पर ध्यान दें
ये रहती है स्थिति
- 10 में से एक इंसान में किडनी की बीमारी होने की रहती है आशंका
- 20 लाख से ज्यादा लोग दुनिया भर में हर साल डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाते है।
इन जगहों से आए फोन
बाजपुर नंद बिहारी शर्मा, गोविंद सिंह, नैनीताल संतोष वर्मा, खुशी जोशी, हल्द्वानी एके त्रिपाठी, रुद्रपुर आरडी बवाड़ी, रानीखेत गोविंद सिंह, खटीमा दलबीर सिंह, बागेश्वर लीला राठौर, लालपुर राजीव यादव, अल्मोड़ा से दिनेश पंत आदि ने फोन कर सलाह ली।
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