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उत्तराखंड चुनाव 2022 : कांग्रेस से बगावत कर कैड़ा बने थे भीमताल विधायक, अब भाजपा ने बनाया प्रत्याशी

Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav 2022 विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने को था तो उन्होंने विधिवत रूप से पार्टी का दामन थाम लिया। उनके पार्टी में शामिल होने से लगने लगा कि पार्टी भीमताल से उन्हीं को अपना प्रत्याशी बनाएगी। जब इसकी घोषणा हुई तो सबकुछ साफ हो गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:20 PM (IST)
पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी रहते हुए चुनाव जीते थे।

जागरण संवाददाता, भीमताल : भीमताल सीट से इस बार भाजपा ने राम सिंह कैड़ा पर भरोसा जताया है। वह पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी रहते हुए चुनाव जीते थे। उनके टिकट मिलने का आधार पर पार्टी के शीर्ष नेताओं से पकड़ और पार्टी ज्वाइन करना रहा। कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय विधायक बने कैड़ा का भाजपा में जाना निर्णायक होने की उम्मीद जताया जा रहा है।

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राम सिंह कैड़ा का जन्म ओखलकांडा ब्लाक के कैड़ा गांव में 15 मार्च 1974 में हुआ था। उनका लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। वह 1993 में एमबी इंटर कालेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। साथ ही छात्रसंघ में कई अन्य पदों पर जीतते रहे। राज्य आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वह कांग्रेस से जुड़े रहे। जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह 2017 में निर्दलीय ही विधानसभा चुनाव में उतर गए थे और जीत भी हासिल की। एमए उत्तीर्ण राम सिंह कैड़ा ने 95669 मतों में से 18878 मत प्राप्त किए थे। अपने कार्यकाल में कैड़ा भाजपा के निकट ही रहे। उन्होंने भाजपा के विरोध में कभी कुछ नहीं बोला, लेकिन क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रियों से मिलते रहे।

सरकार से जुड़े हर कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति बनी रही। धीरे-धीरे व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में आने लगे। तभी से चर्चा होने लगी कि कैड़ा जल्द ही पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। जब विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने को था तो उन्होंने विधिवत रूप से पार्टी का दामन थाम लिया। उनके पार्टी में शामिल होने से लगने लगा कि पार्टी भीमताल से उन्हीं को अपना प्रत्याशी बनाएगी। जब इसकी घोषणा हुई तो सबकुछ साफ हो गया।

कैड़ा का राजनीतिक जीवन

- 1993 में एमबी इंटर कालेज में अध्यक्ष, उप सचिव एमबीपीजी हल्द्वानी 1994, सचिव एमबीपीजी कालेज 1997, अध्यक्ष एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी 1999, अध्यक्ष छात्र महासंघ कुमाऊ यूनिवर्सिटी नैनीताल 2001, अध्यक्ष उत्तराखंड सयुंक्त छात्र संघर्ष समिति 2001, सदस्य जिलापंचयात नैनीताल 2008, अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन सगठन, क्षेत्र पंचायत सदस्य 2008, 2012 में  विधायक प्रत्याशी भीमताल, 2017 में निर्दलीय विधायक बने।

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