बिठोरिया की पेयजल आपूíत लड़खड़ाई
तीन दिन पहले बरसात से गौला का जलस्तर बढ़ने पर लड़खड़ाई पेयजल व्यवस्था अब भी पटरी पर नहीं आ पाई है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : तीन दिन पहले बरसात से गौला का जलस्तर बढ़ने पर लड़खड़ाई पेयजल व्यवस्था अब भी पटरी पर नहीं आई है। लाइनों में एयरलॉक लगने से गौला पर निर्भर अंतिम छोर के इलाकों में पानी का संकट बढ़ गया है। बिठोरिया व कुसुमखेड़ा क्षेत्र के लोग पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं।
बुधवार तड़के बारिश से गौला का जलस्तर आठ हजार क्यूसेक पार हो गया था। इस दौरान बैराज से जलसंस्थान के ट्रीटमेंट प्लाट को जाने वाली नहर के मुहाने में मलबा फंसने से आपूíत ठप हो गई। नदी का जलस्तर घटने पर दो से तीन घटे बाद मलबा हटाकर जलसंस्थान को आपूíत सुचारू तो कर दी गई, लेकिन तब तक लाइनों में एयरलॉक लग गया। तीसरे दिन भी समाधान नहीं हो पाया है। जलसंस्थान के अफसरों के मुताबिक पानी का प्रेशर बढ़ने पर एयरलॉक खुद निकल जाता है। जिन इलाकों से पानी न आने की शिकायत मिल रही है, वहा टैंकर भिजवाए जा रहे हैं।
इधर जल जीवन मिशन के तहत लाभान्वित होने वाले गावों में काम समय से पूरा करने के लिए जलसंस्थान ने वाíषक कार्ययोजना जारी कर दी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए चयनित सभी गावों की ग्राम कार्य योजना व उप समितियों का गठन 15 जुलाई तक करना होगा। सभी गावों की योजनाओं की डीपीआर जल जीवन मिशन की गाइडलाइन के आधार पर 15 जुलाई तक जिला एवं स्वच्छता मिशन को स्वीकृति के लिए भेजनी भी होगी। जलसंस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एके मिश्रा की ओर से राज्य की सभी डिवीजनों का इसका आदेश जारी कर दिया गया है।
जल शक्ति मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। हल्द्वानी डिवीजन के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि इस साल के लिए चयनित गावों में पेयजल योजना की डीपीआर बनाकर 15 जुलाई तक भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। जिन पेयजल योजनाओं की डीपीआर बन चुकी हैं, उनको जिला एवं स्वच्छता मिशन से स्वीकृत कराने के साथ ही तत्काल इसकी सूचना राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति को भेजने के आदेश मिले हैं। मुख्यालय ने ऐसे गाव जहा प्रति व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन पानी मिल रहा है, वहा जुलाई से ही काम शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।