बर्ड फ्लू के नियंत्रण को तहसील स्तर पर नोडल अफसर तैनात, कुमाऊं में अभी तक नहीं मिला कोई मामला
पशुपालन विभाग को ब्लाक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर उन्हें प्रशिक्षित करने के निर्देश हैं। आवश्यकता पडऩे पर एसडीएम क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारी के संपर्क करने पर लोनिवि से बुलडोजर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : देश में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। बर्ड फ्लू की रोकथाम व नियंत्रण के लिए डीएम की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित करने के साथ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है। पशुपालन विभाग ने तहसील स्तर पर पशु चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करते हुए संपर्क नंबर जारी किए हैं।
एडीएम एसएस जंगपांगी ने बर्ड फ्लू के नियंत्रण व निगरानी के लिए सीवीओ, सीएमओ व सभी डीएफओ को पत्र जारी किया है। पक्षियों में एविएन इनफ्लूएंजा की संभावना होने पर सूचना राज्य स्तरीय निगरानी कक्ष को देने को कहा गया है। मुर्गी पालकों, स्थानीय निकाय व कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी अधिकारियों, विज्ञानियों को सम्मिलित कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है। पशुपालन विभाग को ब्लाक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर उन्हें प्रशिक्षित करने के निर्देश हैं। आवश्यकता पडऩे पर एसडीएम, क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारी के संपर्क करने पर लोनिवि से बुलडोजर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
तहसील स्तर के नोडल अधिकारी
नैनीताल : डा. दीपाली लालवानी 9917139111
हल्द्वानी : डा. डीसी जोशी 9412944175
लालकुआं : डा. जीएस खाती 7351868734
कालाढूंगी : डा. संजीव पंत 7830151588
रामनगर : डा. योगेश अग्रवाल 9897033739
धारी : डा. एके रावत 9410588072
कोश्याकुटोली : डा. गरिमा बिष्ट 9412367895
कार्यालय मुख्य पशु चिकित्साधिकारी: 05942-248367
कुमाऊं से 358 सैंपल जांच को बरेली भेजे
पशुपालन विभाग की हवालबाग व रुद्रपुर लैब ने बुधवार को अलग-अलग जगहों से 48 सैंपल लिए। अभी तक 448 सैंपल लिए जा चुके हैं। अपर निदेशक पशुपालन डा. बीसी कर्नाटक ने बताया कि बुधवार को 358 सैंपल आइवीआरइ की बरेली लैब भेज दिए गए हैं। शुक्रवार तक रिपोर्ट आने की संभावना है। कुमाऊं में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है।
हड़बड़ाएं नहीं, सावधानी बरतें : डा. जोशी
लघु पशु विकास योजना के परियोजना निदेशक डा. एचसी जोशी ने बताया कि कुमाऊं में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ जगहों पर एक-दो मुर्गी मरने या जंगली पक्षी मरने की सूचनाएं आई हैं। इसमें घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेने की जरूरत नहीं है। पालतू पक्षी के मरने की सूचना पशुपालन विभाग की तहसील के नोडल अधिकारी को सूचित करें। जंगली पक्षी के मरे होने की सूचना संबंधित क्षेत्र के डीएफओ को दें।