जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि कुमाऊं विवि को मिलेगी NAINITAL NEWS
नैनीताल से 11 किमी दूर हल्द्वानी मार्ग से सटे पटवाडांगर में पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने संबंधी फाइल शासन स्तर पर सरपट दौड रही है।
By Edited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 09:47 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर हल्द्वानी मार्ग से सटे पटवाडांगर में जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने संबंधी फाइल शासन स्तर पर सरपट दौड़ रही है। राज्यपाल और कुलाधिपति की हरी झंडी के बाद सचिव राज्यपाल के प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को पत्र भेजने के बाद अब कृषि विभाग ने जीबी पंत विवि को मामला रेफर कर दिया है।
पंत विवि की हरी झंडी के बाद शासन नैनीताल जिला प्रशासन से आख्या मांगेगा, जिसके बाद पटवाडांगर में जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि का विधिवत हस्तांतरण कुमाऊं विवि को होगा। पटवाडांगर में कृषि फैकल्टी के साथ ही मेडिकल कोर्स का संचालन होगा। दरअसल पटवाडांगर में स्वास्थ्य विभाग की 103 एकड़ भूमि में 50 से अधिक छोटे-बड़े भवन हैं। 2005 में तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी द्वारा पंत विवि को जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए यह जमीन मुहैया कराई, लेकिन 12 करोड़ खर्च के बाद भी वैक्सीन नहीं बन सकी। संस्थान की जमीन विरान पड़ी तो भवन भी जर्जर हाल में हैं। पिछले दिनों कुलपति प्रो. केएस राणा ने पटवाडांगर की भूमि को लेकर कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य से वार्ता के साथ ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को पत्र भेजा था।
सचिव राज्यपाल अरविंद ह्यांकी की ओर से प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा व कृषि को पटवाडांगर की भूमि व संपत्ति कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने को लेकर पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में साफ किया है कि कुमाऊं विवि के अल्मोड़ा परिसर का उत्तराखंड अल्मोड़ा आवासीय विवि में विलय भी विचाराधीन है। इस परिस्थिति में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक से कुमाऊं विवि को प्रदत्त ए ग्रेड को आगे बढ़ाने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है, लिहाजा यह संपत्ति विवि को हस्तांतरित की जाए।
पंत विवि की हरी झंडी के बाद शासन नैनीताल जिला प्रशासन से आख्या मांगेगा, जिसके बाद पटवाडांगर में जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की भूमि का विधिवत हस्तांतरण कुमाऊं विवि को होगा। पटवाडांगर में कृषि फैकल्टी के साथ ही मेडिकल कोर्स का संचालन होगा। दरअसल पटवाडांगर में स्वास्थ्य विभाग की 103 एकड़ भूमि में 50 से अधिक छोटे-बड़े भवन हैं। 2005 में तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी द्वारा पंत विवि को जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए यह जमीन मुहैया कराई, लेकिन 12 करोड़ खर्च के बाद भी वैक्सीन नहीं बन सकी। संस्थान की जमीन विरान पड़ी तो भवन भी जर्जर हाल में हैं। पिछले दिनों कुलपति प्रो. केएस राणा ने पटवाडांगर की भूमि को लेकर कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य से वार्ता के साथ ही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को पत्र भेजा था।
सचिव राज्यपाल अरविंद ह्यांकी की ओर से प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा व कृषि को पटवाडांगर की भूमि व संपत्ति कुमाऊं विवि को हस्तांतरित करने को लेकर पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में साफ किया है कि कुमाऊं विवि के अल्मोड़ा परिसर का उत्तराखंड अल्मोड़ा आवासीय विवि में विलय भी विचाराधीन है। इस परिस्थिति में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक से कुमाऊं विवि को प्रदत्त ए ग्रेड को आगे बढ़ाने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है, लिहाजा यह संपत्ति विवि को हस्तांतरित की जाए।
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