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मल्टीस्टोरी पार्किंग व अन्य निर्माण कार्यों के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख मेहता को बड़ी राहत

हाईकोर्ट ने चंपावत जिले के लोहाघाट में पुल्ला बाइपास मल्टीस्टोरी कार पार्किंग के साथ ही अन्य निर्माण कार्यों के मामले में ठेकेदार व लोहाघाट के पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेश मेहता को बड़ी राहत दी है। नगरपंचायत को छह सप्ताह के भीतर प्रत्यावेदन निस्तारण के निर्देश द‍िए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 03:37 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:37 PM (IST)
मल्टीस्टोरी पार्किंग व अन्य निर्माण कार्यों के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख मेहता को बड़ी राहत
मल्टीस्टोरी पार्किंग व अन्य निर्माण कार्यों के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख मेहता को बड़ी राहत

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने चंपावत जिले के लोहाघाट में पुल्ला बाइपास मल्टीस्टोरी कार पार्किंग के साथ ही अन्य निर्माण कार्यों के मामले में ठेकेदार व लोहाघाट के पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेश मेहता को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता योगेश को दस दिन के भीतर नगरपंचायत लोहाघाट के समक्ष प्रत्यावेदन देने तथा नगरपंचायत को छह सप्ताह के भीतर प्रत्यावेदन निस्तारण के निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

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2010 में नगरपंचायत लोहाघाट से पुल्ला बाइपास मल्टीस्टोरी कार पार्किंग का ठेका योगेश मेहता को मिला था। नगरपंचायत की ओर से काम करने के बाद योगेश को 20 लाख का अग्रिम भुगतान किया था। योगेश ने 200 मीटर सड़क, नाली, सोलिंगब, स्थल समतलीकरण आदि कार्य कर दिया। इसी दौरान किसी ने कार्यस्थल पर अतिक्रमण कर दिया तो नगरपंचायत ने काम बंद कर दिया। इसके बाद योगेश ने नगर पंचायत को प्रत्यावेदन देकर किए हुए काम की नापजोख करने तथा धनराशि समायोजन का आग्रह किया।

यह मामला विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने विधानसभा में उठा दिया तो नगरपंचायत द्वारा मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया। जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई गई तो 17 लाख के काम कराए जाने का जिक्र आया था। 2017 में लोहाघाट पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में मामले में योगेश को बरी करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस आदेश को नगरपंचायत द्वारा जिला कोर्ट में चुनौती दी। विभागीय मंन्त्री मदन कौशिक के पत्र मिलने पर कमिश्नर, डीएम द्वारा मजिस्ट्रेट जांच कराई गई मगर इसमें भी क्लीन चिट मिल गई।

मजिस्ट्रेट रिपोर्ट में साफ उल्लेख है कि ठेकेदार द्वारा कार्यस्थल पर काम किया गया। इधर प्रत्यावेदन स्वीकार नहीं किये जाने पर योगेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें कहा कि नगरपंचायत द्वारा सियासी दबाव में काम की नापजोख नहीं कि जा रही है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद योगेश की याचिका को निस्तारित कर दिया।


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