Move to Jagran APP

चार वर्ष बाद भी नैनीताल की ऐतिहासिक इमारतों को संवारने का पूरा न हो सका काम

नैनीताल के गौरवान्वित इतिहास की झलक दिखाने वाली ऐतिहासिक इमारतों को संवारने के कार्य चार वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हो पाए है। कुमाऊं आयुक्त के सख्त निर्देशों के बावजूद कार्य पूरे न होना विभागीय सुस्ती के साथ ही कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 10:38 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 10:38 AM (IST)
चार वर्ष बाद भी नैनीताल की ऐतिहासिक इमारतों को संवारने का पूरा न हो सका काम
चार वर्ष बाद भी नैनीताल की ऐतिहासिक इमारतों को संवारने का पूरा न हो सका काम

नैनीताल, नरेश कुमार : नैनीताल के गौरवान्वित इतिहास की झलक दिखाने वाली ऐतिहासिक इमारतों को संवारने के कार्य चार वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हो पाए है। कुमाऊं आयुक्त के सख्त निर्देशों के बावजूद कार्य पूरे न होना विभागीय सुस्ती के साथ ही कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। वही शहरवासी भी इसको लेकर एडीबी की आलोचना कर रहे है।

loksabha election banner

बता दे कि अंग्रेजो द्वारा बसाए नैनीताल शहर में आज भी कई पहलू ब्रिटिश शासन की यादे ताजा कर देते है। उन्हीं में से खास है शहर में ब्रिटिशकालीन इमारतें। शहर की कई इमारतें आज भी शहर की बसासत की कहानी बयां करती है। इन इमारतों की जीर्ण शीर्ण हालात को देखते हुए 2016 में इनके संरक्षण का जिम्मा एडीबी को सौपा गया। जिसमे एडीबी वित्त पोषित इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम फ़ॉर ट्यूरिज्म योजना के तहत करीब 38 करोड़ की लागत से दर्जन भर भवनों का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया। शुरुआत में तो इन भवनों में जोर शोर से काम चला।

मगर डेढ़ वर्ष बाद भुगतान को लेकर कार्यदायी फर्म के ठेकेदार और शासन के बीच ऐसी ठनी की कार्य रोक दिया गया। जिस कारण खूबसूरत दिखने वाले यह ऐतिहासिक भवन अधूरे काम के चलते और भी भद्दे नजर आने लगे। बीते वर्ष शासन स्तर पर एक बार फिर भवनों के सुंदरीकरण की कवायद शुरू की गई। नए सिरे से टेंडर आयोजित कर कार्य शुरू हुआ तो लोगों ने भी उम्मीद जताई कि जल्द कार्य पूरा हो जाएगा। मगर तय समय के गुजर जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाए है।

दूसरे चरण में 16 करोड़ के होने थे कार्य

बीते वर्ष शासन स्तर पर दोबारा आयोजित की गई टेंडर प्रक्रिया के तहत करीब 16 करोड़ की लागत से भवनों का जीर्णोद्धार किया जाना था। जिसमें मालरोड  स्थित दुर्गा लाल साह पुस्तकालय, पालिका भवन, डीएसए भवन, हिमालय संग्रहालय, गांधी आश्रम ताकुला, सेंट फ्रांसिस चर्च के जीर्णोद्धार के साथ ही मालरोड के किनारे स्थित केनेडी पार्क का सुंदरीकरण और झील किनारे लाइट लगवाई जानी है।

आयुक्त ने सितंबर अंत तक कार्य पूरे करने के दिये थे निर्देश

दोबारा कार्य शुरू होने के बाद कुमाऊं आयुक्त अरविंद ह्यांकी ने स्थलीय निरीक्षण कर भवनों को कुछ पहाड़ी लुक देते हुए सितंबर अंत तक कार्य पूरे करने के निर्देश दिए थे। मगर तय समय को चार माह बीत जाने के बाद भी भवनों का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अरविंद गौड़ जिला पर्यटन अधिकारी नैनीताल ने बताया कि इमारतों में करीब करीब कार्य पूरा हो चुका है। कार्य मे अनुबंध को लेजर कुछ समस्या सामने आई है। जल्द कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.