संक्रमित हों तो भी धैर्य बनाए रखें, तनाव व अवसाद को न होने दें हावी
नकारात्मक विचार भी आते हैं लेकिन सकारात्मक विचारों को ही मन में लाने का प्रयास किएं। नकारात्मक विचार आने पर ध्यान को परिवर्तित करने के तरीके अपनाएं। यह कहना है कि कोरोना वायरस से जंग जीत चुके जलसंस्थान हल्द्वानी डिवीजन के अधिशासी अभियंता के वैयक्तिक सहायक कैलाश भट्ट का।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण होने के दौरान धैर्य व हौसला बनाए रखें। तनाव व अवसाद को खुद पर किसी भी तरह से हावी न होने दें। नकारात्मक विचार भी आते हैं, लेकिन सकारात्मक विचारों को ही मन में लाने का प्रयास किएं। नकारात्मक विचार आने पर ध्यान को परिवर्तित करने के तरीके अपनाएं। यह कहना है कि कोरोना वायरस से जंग जीत चुके जलसंस्थान हल्द्वानी डिवीजन के अधिशासी अभियंता के वैयक्तिक सहायक कैलाश भट्ट का।
पेयजल जैसे महत्वपूर्ण महकमे के अधिशासी अभियंता के वैयक्तिक सहायक (पीए) कैलाश भट्ट पर जिम्मदारियों भी काफी अहम हैं। कैलाश बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर महीने में उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित हुई है। उनको उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाना पड़ता था। जिस कारण वह और बहू भी कोरोना संक्रमित हो गए। उनको हल्का बुखार, थकान और भूख कम होने लगी। इस पर उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। 23 दिसंबर को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई। जिसके बाद वह, पत्नी और बहू घर पर ही आइसोलेट हो गए। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे का साहस बढ़ाया और धैर्य रखा। दवाइयों के साथ ही खान-पान में उन्होंने कीनू, संतरा, गाजर व चुकंदर का प्रयोग अधिक किया।
इसके साथ ही रोजाना नियमित रूप से धूप सेंकी व योगा किया। आपदा कंट्रोल रूम व स्वास्थ्य विभाग भी रोजाना फोन कर सभी के स्वास्थ्य की जानकारी लेता रहा। जनवरी माह में सभी स्वस्थ हो गए और जांच में सभी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। उनका कहना है कि रोजाना ध्यान लगाने से दिमाग एकाग्र होता है और नकारात्मक विचार हावी नहीं हो पाते हैं। संक्रमित होने पर खुद को घरेलू कामों में व्यस्त रखकर सकारात्मक विचारों को ही सोचें।
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