कोरोना कर्फ्यू को बनाया रचनात्मकता का माध्यम, बीबीए का छात्र दे रहा संगीत की तालीम
कोरोना काल में शिक्षण व मैनेजमेंट संस्थान बंद हैं। ऐसे वक्त में आम्रपाली ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के बीबीए के छात्र पीयूष लोहनी दूसरों को संगीत की लामीम दे रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस ) के छात्र रहे पीयूष को संगीत की अच्छी जानकारी दी है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : कोरोना काल में शिक्षण व मैनेजमेंट संस्थान बंद हैं। ऐसे वक्त में आम्रपाली ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के बीबीए के छात्र पीयूष लोहनी दूसरों को संगीत की लामीम दे रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस ) के छात्र रहे पीयूष को संगीत की अच्छी जानकारी दी है। वह तलबा, हारमोनियम, गिटार आदि वाद्य यंत्र बजाने में पारंगत हैं। ऐसे में अपने हुनर को वह दूसरों तक पहुंचाने में जुटे हैं। फेसबुक, यूट्यूब जैसे इंटरनेट मीडिया के जरिये पीयूष संगीत के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा पीयूष योगा भी सिखाते हैं। हल्द्वानी निवासी पीयूष से जुड़कर कई लोग नियमित रूप से योग करने लगे हैं।
गीत के जरिये कोरोना बचाव की जानकारी
पीयूष ने अपने सहपाठी सुधीर चौकाड़ायत के साथ मिलकर वीडियो गीत तैयार किया है। इस गीत के जरिये दोनों ने कोरोना वायरस के बचाव के तरीकों को लेकर जागरूक किया है। पॉप सॉग को काफी पसंद किया जा रहा है। गीत को सुधीर चौकड़ायत ने आवाज दी है। सुधीर के साथ पीयूष लोहनी ने एक्टिंग की भूमिका निभाई है। दोनों ने इससे पहले भी कई वीडियाे तैयार किए हैं। पीयूष कहते हैं कि कोरोना काल के तनाव को कम करने के लिए मनोरंजन अच्छा माध्यम है।
खुद को रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखना जरूरी
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के वरिष्ठ मनोविज्ञानी डा. युवराज पंत कहते हैं कि तनाव कम करने में संगीत अहम भूमिका निभाता है। जब हम तनाव महसूस करते हैं, उस वक्त अपने पसंदीदा गायक के गीत सुनने चाहिए। अपने पसंदीदा लेखक की कहानी, उपन्यास आदि पढ़ना भी तनाव मुक्त होने का बेहतर माध्यम हो सकता है। खुद को पेटिंग करने, पसंदीदा व्यंजन तैयार करने, परिवार के सदस्यों के साथ इंडोर गेम्स खेलने जैसे तरीके भी मुश्किल वक्त को खुशनुमा पलों में बदल देते हैं। इस मुश्किल समय में ऐसी रचनात्मकता बहुत जरूरी है।
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