महिला समूहों को ऋण न देने पर बैंकों को बताना होगा कारण NAINITAL NEWS
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जिलेभर की महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के बैंक खाते खोले जाएंगे जिसके तहत उन्हें ऋण मिलेगा।
हल्द्वानी, जेएनएन : स्वयं सहायता समूहों के जरिये गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में तेजी आएगी। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में जिलेभर की महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के बैंक खाते खोले जाएंगे, जिससे उन्हें बैंक से ऋण लेने में आसानी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने बजट भाषण में समूहों को बैंक से ऋण देने में प्राथमिकता दिए जाने की घोषणा की थी, जिसके बाद जिले में इस पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइन के अनुसार, बैंक जिन समूहों को ऋण नहीं देंगे, उन्हें इसका कारण भी बताना होगा। साथ ही 15 दिन के भीतर समूहों के ऋण आवेदन पर विचार करना होगा। जिले में 2500 समूह हैं। इनके कामकाज के आधार पर स्वरोजगार की गतिविधियों में तेजी लाने के लिए समूहों को बैंक उनकी वित्तीय स्थिति, व्यवसाय व बचत के अनुसार ऋण देंगे। इसके साथ ही जिले में समूहों की संख्या बढ़ाने पर भी काम होगा। जिसमें सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 में पात्र परिवारों की महिलाओं को समूहों से जुडऩे का मौका मिलेगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
संगीता आर्य, सहायक परियोजना अधिकारी, आजीविका मिशन, नैनीताल ने बताया कि बैंकर्स के साथ भीमताल में हुई आजीविका मिशन की बैठक में डीएम ने रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार समूहों के बैंक खाते खोलने के साथ ही उन्हें प्राथमिकता से ऋण स्वीकृत कराने के निर्देश दिए हैं।