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टिकट कटने के कारण अजय भट्ट के नामांकन से बलराज पासी और पांडे ने फिर बनाई दूरी

भाजपा के प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट भले ही किसी तरह के मनमुटाव से इन्कार कर रहे हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 11:10 AM (IST)
टिकट कटने के कारण अजय भट्ट के नामांकन से बलराज पासी और पांडे ने फिर बनाई दूरी
टिकट कटने के कारण अजय भट्ट के नामांकन से बलराज पासी और पांडे ने फिर बनाई दूरी

रुद्रपुर, जेएनएन : भाजपा के प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट भले ही किसी तरह के मनमुटाव से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। पार्टी के अंदर टिकट वितरण के बाद से आयोजित सभाओं से गुरु-शिष्य यानी बलराज पासी व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने दूरी बनाई है। वह न ही प्रत्याशी के रोड शो में नजर आए और न ही सोमवार को नामांकन में दिखे। पार्टी में इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाते रहे।

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भाजपा से दावेदारी कर रहे अधिकांश दावेदार पार्टी नेतृत्व के निर्णय को स्वीकार करते हुए चुनाव प्रचार से लेकर नामांकन की तैयारियों में जुट गए। सोमवार को डीएम कार्यालय के सभागार से लेकर रैली तक आम से लेकर वरिष्ठ नेताओं की निगाहें दावेदारी करने वालों पर थी। पार्टी का नेतृत्व भी पार्टी के अंदर किसी तरह की कलह नहीं होने का संदेश देना चाहता था, लेकिन जब तराई में अपना प्रभाव रखने वाले पूर्व सांसद बलराज पासी और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय नहीं पहुंचे तो वरिष्ठ नेताओं में भी खुसुर-फुसुर शुरू हो गई। खुद को अनुशासित मानने वाली पार्टी के नेता खुलकर कुछ भी कहने से बचते रहे, लेकिन एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पार्टी की वजह से ही इन नेताओं का वजूद है। ऐसे में पार्टी के निर्णय के खिलाफ व्यवहार उचित नहीं है।

उन्होंने माना कि एकजुटता का संदेश देने के लिए इन नेताओं को रैली में शामिल होना चाहिए था। इस संबंध में जब अरविंद पांडे का फोन मिलाया तो उनके पीआरओ मुकेश शर्मा ने बताया कि वह नामांकन में आना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते नहीं पहुंच सके। इधर, सिटिंग सांसद भगत सिंह कोश्यारी व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य नामांकन से रैली तक पार्टी प्रत्याशी भट्ट का साथ निभाते नजर आए।

डैमेज कंट्रोल की हुई थी कोशिश

पूर्व सांसद बलराज पासी के टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा देकर खुश करने की कोशिश कर दी थी। तभी से माना जाने लगा कि अब उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। पार्टी ने टिकट वितरण से पहले ही डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि, उन्होंने इस पद को ग्रहण नहीं किया। फिर भी वह टिकट के लिए डटे रहे, लेकिन पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट पर भरोसा जताया और उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया।

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