सहयोग से समाधान : ग्राहकों के भरोसे व जरूरी बदलावों से चल पड़ा बजरंग लाइफ स्टाइल
बजरंग लाइफ स्टाइल को चलाने वाले गौरव मित्तल व अमन अग्रवाल ग्राहकों की संतुष्टि को अपनी असली कमाई मानते हैं। इसी कमाई से आज भवन निर्माण सामग्री के आधुनिक शोरूम के साथ आटोमोबाइल व्यवसाय चला रहे हैं। वे सकारात्मक बदलावों की वजह से कोरोना काल में भी व्यवसाय चलता रहा।
हल्द्वानी, जेएनएन : किसी भी कारोबार की बुनियाद ग्राहकों की संतुष्टि पर टिकी होती है। ग्राहकों का भरोसा कारोबार को दुश्वारियों से बचाता है। नई चीजों से बजरंग लाइफ स्टाइल ने कोरोना की मुश्किलों पर जीत हासिल की है। बजरंग लाइफ स्टाइल को चलाने वाले गौरव मित्तल व अमन अग्रवाल ग्राहकों की संतुष्टि को अपनी असली कमाई मानते हैं। इसी कमाई से आज भवन निर्माण सामग्री के आधुनिक शोरूम के साथ आटोमोबाइल व्यवसाय चला रहे हैं। गौरव व अमन के सकारात्मक बदलावों की वजह से कोरोना काल में भी व्यवसाय चलता रहा। गौरव कहते हैं व्यापार में सफलता के लिए ईमानदारी, कड़ी मेहनत जरूरी है। व्यापार में एकाएक सफलता नहीं मिलती। इसके लिए निरंतरता भी जरूरी है।
आठ साल में ही ग्राहकों का भरोसा बन गया
हल्द्वानी निवासी गौरव मित्तल बताते हैं कि उनका परिवार दो दशक से अधिक समय से आटोमोबाइल का काम करते आ रहे हैं। वर्ष 2013 में नैनीताल रोड पर उन्होंने बजरंग लाइफ स्टाइल की शुरुआत की। ग्राहकों को टाइल्स, सेनेटरी वेयर, पाइप, ग्रेनाइट, माड्यूलर किचन आदि उपलब्ध कराना शुरू किया। उनकी कोशिश ग्राहकों को विस्तृत वैरायटी के साथ उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना रहा है। मेहनत, लगन और ग्राहकों की संतुष्टि से कारोबार में इजाफा होता गया। आइए, जानते हैं कि कोरोना के दौरान उन्होंने कैसे कारोबार को संभाला।
समाधान 1: कोरोना काल में घर पर दी सुविधाएं
गौरव मित्तल बताते हैं कि जब कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच लाकडाउन की वजह से बाजार बंद थे तो ग्राहकों को घर पर ही सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। अनलाक शुरू होने के बाद ग्राहकों को डिलीवरी देना शुरू कर दिया। ग्राहकों के साथ शोरूम के कर्मचारियों की सेहत को पूरा ध्यान रखा। कोरोना काल में जब बाजार बंद था। उस मुश्किल समय में भी कर्मचारियों को वेतन दिया गया।
समाधान 2: ग्राहकों से बनाया दोस्ती का रिश्ता
हमारे पास हल्द्वानी के अलावा कुमाऊं के पर्वतीय जिलों से ग्राहक आते हैं। ग्राहकों के साथ पारिवारिक व्यवहार है। कई तो फोन पर ही सामान पूछकर घर भेजने को कह देते हैं। कई ग्राहकों के घर तो सालों से आना-जाना है। यह केवल व्यापार का रिश्ता नहीं है। ग्राहक के साथ दोस्ताना व्यवहार और उनकी इज्जत का ही परिणाम है कि वे खुद ही दूसरे ग्राहकों को भी शोरूम तक ले आते हैं।
समाधान 3: सुरक्षा मानकों का किया पालन
कोरोना संक्रमण से बचाव का भी पूरा इंतजाम है। ग्राहक को सैनिटाइज करने व तापमान की जांच के बाद ही शोरूम के अंदर प्रवेश दिया जाता है। कोरोना संक्रमण से बचाव के अन्य उपायों का भी पालन किया जाता है। समय-समय पर स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है, ताकि कोई संक्रमण की चपेट में न आने पाए। सैनिटाइजर और मास्क की अनिवार्यता के साथ सैनिटाइजेशन की उचित प्रबंध किया गया।
समाधान 4: सोशल मीडिया का किया इस्तेमाल
गौरव कहते हैं लाकडाउन के दौरान हमने वाट्सएप और फेसबुक मार्केटिंग का जमकर प्रयोग किया। फेसबुक पर हमने पेज बनाया और अपनी स्कीम के बारे में जानकारी दी। वाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों को पीडीएफ के द्वारा सारी जानकारी भेजी। अंतिम डिलीवरी को छोड़कर सारा काम वाट्सएप पर हो गया।
समाधान 5: डिजिटल पेमेंट शुरू किया
लाकडाउन के लिए डिजिटल पेमेंट शुरू किया। क्यूआर कोड से लेकर अकाउंट तक के फीचर अपनाए हैं। यही नहीं, फिजिकल रिूस्टेसिंग का पालन करने के लिए भी हम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे इस प्रयास का ग्राहकों ने सराहना की। गौरव कहते हैं कि आज ग्राहक सुविधा चाहता है। अगर इसकी तरफ ध्यान दिया जाए तो व्यापार में तरक्की होना लाजिमी है।