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आठ घंटे देर से पहुंची बाघ एक्सप्रेस

हावड़ा से काठगोदाम के बीच चलने वाली बाघ एक्सप्रेस मंगलवार को लालकुआं आठ घंटे देरी से पहुंची

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 08:10 AM (IST)
आठ घंटे देर से पहुंची  बाघ एक्सप्रेस
आठ घंटे देर से पहुंची बाघ एक्सप्रेस

संवाद सहयोगी, लालकुआं: हावड़ा से काठगोदाम के बीच चलने वाली बाघ एक्सप्रेस मंगलवार को लालकुआं में आठ घंटे देरी से पहुंची। यहां रुपये से भरी बोगी को काटने को लेकर ट्रेन स्टेशन पर एक घंटे खड़ी रही। इससे आजिज लोगों का सब्र का बांध टूट गया। नाराज यात्रियों ने ट्रेन से उतरकर रेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में जीआरपी, आरपीएफ और सिविल पुलिस ने यात्रियों को बमुश्किल शांत कराया।

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मालूम हो कि बाघ एक्सप्रेस संख्या 13019 रेलगाड़ी नियमित रूप से सुबह आठ बजे लालकुआ पहुंचती है, लेकिन मंगलवार को रेलगाड़ी सुबह आठ के बजाय शाम चार बजे लालकुआ रेलवे स्टेशन पहुंची। गाड़ी को 10 मिनट बाद हल्द्वानी को रवाना होना था। साढे़ पांच बजे तक जब रेलगाड़ी नहीं चली तो ट्रेन में बैठे यात्री बोगियों से उतर कर स्टेशन पर आ गए। उन्होंने यहां नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते देख रेल प्रशासन ने आरपीएफए जीआरपी के साथ साथ सिविल पुलिस को भी बुला लिया। इस दौरान पता चला कि रेलगाड़ी में कानपुर से कुमाऊं मंडल के लिए एक बोगी लगी जो रुपयों से भरी थी। जिसे रेल कर्मियों ने सबसे पीछे लगाने के बजाय इंजन के बाद लगा दिया। जिसे स्थानीय रेल प्रशासन ने काटने से मना कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि बोगी काठगोदाम में ही कटेगी। इधर बोगी की सुरक्षा में कानपुर से चले सुरक्षा बल के दस्ते ने लालकुआ से आगे जाने से इन्कार कर दिया। रेल प्रशासन को बता दिया कि अब रुपये से भरी बोगी की सुरक्षा की जिम्मेदारी लालकुआ स्टेशन प्रबंधन की होगी।

इसके बाद स्टेशन प्रबंधन के हाथ पाव फूल गए। रेल प्रबंधन ने मामले की जानकारी मुख्यालय को भेज दी। जब तक मामला सुलझता रेलगाड़ी को और लेट होता देख यात्रियों ने हंगामा कर दिया। इस मामले में स्टेशन अधीक्षक नीरज कुमार का कहना है कि उन्हें एक्सप्रेस रेलगाड़ी में इंजन के बाद लगी बोगी को काटने का अधिकार नहीं है। वह केवल सबसे पीछे की बोगी को ही काट सकते हैं। बाद में उन्होंने मंडल मुख्यालय से विशेष अनुमति प्राप्त कर बोगी को रेलगाड़ी से हटाया। इसके बाद शाम छह बजकर 10 मिनट में रेलगाड़ी अपने गंतव्य को रवाना हुई। जिसके बाद ही स्थानीय पुलिस कर्मियों और रेल प्रबंधन ने राहत की सास ली।


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