बागेश्वर के दीपक को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में मिला 40 लाख का पैकेज
महामारी के दौर में जहां नौकरियों पाने के अवसर सिकुड़ते जा जा रहे हैं वहीं दीपक ने अपनी मेहनत और काबिलियत से दुनिया की टॉप मोस्ट सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में 40.37 लाख पैकेज पर नौकरी पाने में सफलता हासिल की है।
बागेश्वर,जागरण संवाददाता : अगर मन में लगन हो तो कोई भी चीज असंभव नहीं। ऐसा ही कुछ दिखाया बागेश्वर जिले के बहुली के दीपक सिंह रौतेला। महामारी के दौर में जहां नौकरियों पाने के अवसर सिकुड़ते जा जा रहे हैं, वहीं दीपक ने अपनी मेहनत और काबिलियत से दुनिया की टॉप मोस्ट सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में 40.37 लाख पैकेज पर नौकरी पाने में सफलता हासिल की है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरा क्षेत्र गौरवांवित महसूस कर रहा है।
कई कंपनियों में अच्छे पैकेज पर हुआ चयन
बहुली दीपक सिंह रौतेला गांव के युवाओं के लिए नजीर की तरह हैं। प्रतिभाशाली दीपक ने केंद्रीय विद्यालय से 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ग्राफिक एरा देहरादून में कंप्यूटर साइंस में प्रवेश लिया। उन्हें बचपन से ही कंप्यूटर से लगाव था और उसमें वह अभिनव प्रयोग करते रहते थे। 2021 इसी वर्ष उनकी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हुई। कालेज के वह एक होनहार छात्र रहे। पढ़ाई पूरी करते ही कालेज से उनका प्लेसमेंट जे स्केलर में 17 लाख व इंफोसिस कंपनी में आठ लाख के पैकेज पर हुआ। लेकिन वह इससे संतुष्ट कहां होने वाले थे।
अमेजाॅन में मिला था 32 लाख का पैकेज
कोरोना कर्फ्यू के दौरान वह घर आ गए। जहां उन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों की नौकरी ढूढनी शुरू की। उनका सपना माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में कार्य करना था। ऑनलाइन खोज उनकी पूरी हुई और एक अवसर मिल गया। उन्होंने अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में घर बैठे ऑनलाइन परीक्षा दी। यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की थी। जिसमें वह सफल रहे। अमेज़न ने उन्हें 32 लाख तो माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने उन्हें 40.37 लाख का सालाना पैकेज देने का आफर दिया। उनका सपना पूरा हुआ दीपक ने माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में काम करना तय किया। जल्द ही उन्हें हैदराबाद में नियुक्ति लेनी है। नियुक्ति पत्र उनके पास पहुँच गया है।
पिता हैं आर्मी में दे चुके हैं सेवा
दीपक के पिता सूबेदार हरीश सिंह रौतेला सेना के सिग्नल कोर में अपनी सेवाएं देश को दे चुके हैं। उनकी माता आशा रौतेला गृहिणी है। उनके दादा गोविंद सिंह रौतेला ने सैनिक के रुप में देश की सेवा की वहां से रिटायर्ड होने के बाद अपनी माटी की सेवा की। वह बहुली गांव के पूर्व प्रधान रह चुके है। वह अपनी इस सफलता का श्रेय दादा, माता-पिता व गुरुजनों को देते है। उनका सपना कम्प्यूटर के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करना है। उनकी बहन पूजा भी बीबीए की पढ़ाई कर रही है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें