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खस्ताहाल सड़क और कमल विहीन कमलताल ने रोकी पर्यटकों की राह, पर्यटन को लग रहा धक्‍का

इन दिनों कमल का नामोनिशान नहीं है। इस ताल की स्थिति बहुत खराब है। स्थानीय निवासियों और कारोबारियों की माने तो कई वर्षों के बाद कमलताल में एक भी कमल नहीं खिला है। वहीं दूसरी तरफ जहां एक ओर भीमताल-हल्द्वानी मोटर मार्ग और भवाली-भीमताल मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 11:01 PM (IST)
खस्ताहाल सड़क और कमल विहीन कमलताल ने रोकी पर्यटकों की राह, पर्यटन को लग रहा धक्‍का
मार्ग में डामरीकरण करने तथा कमल ताल में कमल के अस्तित्व को वापस लाने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, भीमताल : कोविड कफ्र्यू में ढील के बाद पर्यटन सीजन शुरू हो चुका है। वहीं, मैदान तपने से बाहरी राज्यों से पर्यटक पहाड़ की ओर रूख कर रहे हैं। ऐसे में कमल विहीन कमलताल व खस्ताहाल सड़कें रोड़ा बनी हुई हैं।

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भीमताल और नौकुचियाताल में पर्यटकों का आना लगातार जारी है। पर जहां पर्यटकों के आने से आसपास के सभी पर्यटक स्थल गुलजार हैं तो वहीं पूर्व में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहने वाला कमलताल इन दिनों वीरान पड़ा है। जून और जुलाई में कमल खिला हुआ करते थे। वहां इन दिनों कमल का नामोनिशान नहीं है। इस ताल की स्थिति बहुत खराब है। स्थानीय निवासियों और कारोबारियों की माने तो कई वर्षों के बाद कमलताल में एक भी कमल नहीं खिला है। वहीं दूसरी तरफ जहां एक ओर भीमताल-हल्द्वानी मोटर मार्ग और भवाली-भीमताल मोटर मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है। लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा डामरीकरण नहीं किया जा रहा है। डांठ से नौकुचियाताल तक चार किमी लंबे मोटर मार्ग खस्ताहाल हो चुका है। जिससे नौकुचियाताल निवासी भी अपने वाहनों को इस मार्ग से ले जाने में कतराने लगे हैं। स्थानीय निवासियों ने एक बार फिर से नौकुचियाताल को जाने वाले मार्ग में डामरीकरण करने तथा कमल ताल में कमल के अस्तित्व को वापस लाने की मांग की है।

लोगों ने साझा क‍िया दर्द

वास्तव में कमल ताल की वर्तमान स्थिति बहुत खराब है। पूर्व में जहां इन दिनों कमलताल कमल से भरा रहता था वहीं इस बार एक भी कमल नहीं खिलने के कारण पर्यटन भी प्रभावित है।

अनिल चनौतिया, जिला पंचायत सदस्य

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मेरी जानकारी में पहली बार ऐसा हुआ है कि कमलताल में एक भी कमल नहीं आया है। पूर्व में इस सीजन में कमल से कमल ताल भरा रहता था। लोग विशेषकर कमलताल को देखने आते थे। अब तो स्थिति बहुत खराब है।

राधे राम, स्थानीय निवासी

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पूरे प्रदेश में कमल ताल की पहचान थी। अब यह पहचान खो गई है। कमलताल में कमल नहीं होने से इसके आसपास के क्षेत्र में कारोबार करने वाले भी खासे प्रभावित हैं। शीघ्र ही इस समस्या का समाधान किया जाये।

-महेश चंद्र, स्थानीय निवासी


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