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खगोल विज्ञानियों में साल के अंतिम सूर्य ग्रहण को लेकर रहा खासा उत्साह, अगले वर्ष होंगे चार ग्रहण

एरीज के वरिष्ठ सौर विज्ञानी व पूर्व निदेशक डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि शोध के लिहाज से पूर्ण सूर्य ग्रहण विज्ञानियों के लिए अहम माना जाता है। इस दौरान सूर्य के कोरोना को देखने का अवसर मिलता है जिसका ताप सूर्य की सतह से कई गुना अधिक होता है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 10:08 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 10:08 PM (IST)
खगोल विज्ञानियों में साल के अंतिम सूर्य ग्रहण को लेकर रहा खासा उत्साह, अगले वर्ष होंगे चार ग्रहण
अगले साल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें पहला 30 अप्रैल को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : साल के अंतिम सूर्य ग्रहण की छाया से भले ही उत्तरी गोलाद्र्ध वंचित रहा हो। लेकिन सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) पर शोध कर रहे दुनियाभर के विज्ञानियों के लिए यह पल खास रहा। करीब 4.08 घंटे के पूर्ण ग्रहण को अंटार्कटिका से देखा जा सका। अब अगला सूर्य ग्रहण अप्रैल में लगेगा। 

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आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ सौर विज्ञानी व पूर्व निदेशक डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि शोध के लिहाज से पूर्ण सूर्य ग्रहण विज्ञानियों के लिए अहम माना जाता है। इस दौरान सूर्य के कोरोना को देखने का अवसर मिलता है, जिसका ताप सूर्य की सतह से कई गुना अधिक होता है। कोरोना ताप की यह गुत्थि हैरत में डालती है। इस बारे में शोध के लिए विज्ञानियों को पूर्ण सूर्य ग्रहण का बेसब्री से इंतजार रहता है। यही कारण है कि भारत के भी कई विज्ञानी अंटार्कटिका क्षेत्र में पहुंचे थे। 

भारतीय समय के अनुसार पूर्वाह्न 10.59 बजे सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आना शुरू हुआ। 1.03 बजे सूर्य पूरी तरह ग्रहण की चपेट में रहा। शाम 3.07 बजे सूर्य ग्रहण की छाया से मुक्त हो गया। यह ग्रहण 4.08 घंटे का रहा, जिसे दक्षिणी अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, अंटार्कटिका व आस्ट्रेलिया से देखा जा सका। डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि अगले साल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें पहला 30 अप्रैल को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद 15 मई को पूर्ण ग्रहण लगेगा। 25 अक्टूबर को दूसरा आंशिक ग्रहण होगा। इसके बाद अंतिम ग्रहण सात नवंबर को लगेगा। 


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