यहां ट्रंचिंग ग्राउंड के धूल और धुएं के कारण हर तीसरे घर में श्वास रोगी, बच्चे भी चपेट में
ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से उठता जहरीला धुआं लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण से बीमार व बुजुर्गों का मर्ज बढ़ रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से उठता जहरीला धुआं लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण से बीमार व बुजुर्गों का मर्ज बढ़ रहा है। स्थानीय लोग ट्रंचिंग ग्राउंड की आग बुझाने की मांग करते हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग के अफसरों की सेहत पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता। गुरुवार को दो लोगों की मौत होने के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि ट्रंचिंग ग्राउंड का जहरीला धुआं उनके अपनों की जान का दुश्मन बन गया था। इतना होने के बावजूद नगर निगम की टीम प्रभावित इलाकों के लोगों से बातचीत करने तक नहीं पहुंची। इससे लोगों का गुस्सा और बढ़ रहा है। शुक्रवार को दैनिक जागरण के रिपोर्टर ने ट्रंचिंग ग्राउंड के धुएं से सर्वाधिक प्रभावित इंदिरानगर इलाके में जाकर लोगों से बातचीत की। पेश है विस्तृत रिपोर्ट।
हर तीसरे घर में कोई न कोई बीमार
इंदिरानगर में हर तीसरे घर में कोई न कोई बीमार है। अधिकांश लोग श्वास रोगी हैं। बड़े-बुजुर्ग ही नहीं, बच्चे भी बीमारी से ग्रसित हैं। बीमारी की वास्तविक वजह डॉक्टरी जांच से पता चलेगी, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो उनकी बीमारी की मुख्य वजह ट्रंचिंग ग्राउंड का जहरीला धुआं है।
आग से एयरटेल की केबिल जली
ट्रंचिंग ग्राउंड की आग का दूरसंचार सेवाओं पर भी असर पड़ा है। एयरटेल की केबिल जलने से इंदिरानगर, गौलापार क्षेत्र में एयरटेल की मोबाइल सेवा ठप है। शुक्रवार को कर्मचारी नई केबिल डालकर सेवाएं बहाल करने में जुटे रहे।
धुएं से बढ़ती है श्वास की समस्या
रेलवे क्रासिंग के पास रहने वाले छत्रपाल (52) को श्वास की समस्या है। छत्रपाल बताते हैं पिछले आठ-दस वर्षों से श्वास की समस्या से ग्रसित हैं। धुएं से बीमारी का मर्ज बढऩे लगता है। सरकारी अस्पताल से इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उनके फेफड़ों को खराब बताया है।
धुएं व दूषित हवा से रहना मुश्किल
इंदिरानगर बरसाती के पास रहने वाले तनवीर अहमद बताते हैं कि ट्रंचिंग ग्राउंड के धुएं और दूषित हवा से लोगों का रहना मुश्किल होता है। हर तीसरे घर में कोई न कोई बीमार है। शाम के समय लोगों का घरों से निकलना मुश्किल होता है। वह खुद दिल की बीमारी से ग्रसित हैं।
धुएं से बचने को घर से नहीं निकलतीं
अनवरी बेगम (75) को सुनाई कम पड़ता है। ऊंची आवाज में पूछने पर कहती हैं अस्थमा से ग्रसित हैं। पिछले चार साल से यह समस्या है। पहले कुछ साल पेट की समस्या से पीडि़त रही, अब अस्थमा ने जकड़ लिया। धुएं में परेशानी होती है, इसलिए घर से निकलना बंद कर दिया है।
आठ साल से पंप से भर रहे सांस
इंदिरानगर में रेलवे पटरी से लगे इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय सफी अहमद दमा के रोगी हैं। पिछले आठ वर्षों से पंप लेकर सांस ले रहे हैं। कहते हैं धुएं से दम उखडऩे लगता है। इस कारण घर से नहीं निकलते। नमाज भी घर पर पढ़ते हैं। उनकी बीमारी को देखते हुए घर वालों ने बाहर आना-जाना बंद करा दिया है।
दोनों बेटों को श्वास लेने में दिक्कत
मोहम्मद नईम के दो बच्चे श्वास संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं। नईम बताते हैं चार साल के अलफेज को छह माह से सांस लेने में तकलीफ होती हैं। उनकी दवाएं चल रही हैं। छह माह का हलनान भी जोर-जोर से सांस भरता है। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि उसे भी श्वास संबंधी तकलीफ है।
स्थायी हल तलाश करें नगर निगम : तौफीक
इंदिरानगर जन विकास समिति के संरक्षक तौफीक अहमद का कहना है कि नगर निगम को लोगों के स्वास्थ से किसी तरह का सरोकार नहीं रह गया है। आग बुझाने का दिखावा किया जाता है। निगम को ट्रंचिंग ग्राउंड का स्थायी हल निकलना चाहिए।
जल्द आग बुझाई जाएगी
डॉ. मनोज कांडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने के लिए निगम अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रहा है। रोजाना पानी डाला जा रहा है। कूड़ा अलग करने के लिए पोकलैंड लगाई है। शुक्रवार को हमने ट्रंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया है। जल्द ही आग पूरी तरह बुझा ली जाएगी।
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