मंदी की मार : सात हजार की जगह दो सौ वाहन निर्माण पर पहुंची अशोक लीलैंड
रुद्रपुर सिडकुल स्थित अशोक लीलैंड फैक्ट्री में पिछले साल तक जहां हर माह करीब सात हजार वाहन बनते थे इस माह घटकर दो सौ वाहन बनने की उम्मीद है।
रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) जेएनएन : मंदी की मार से ऑटो सेक्टर की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। रुद्रपुर सिडकुल स्थित अशोक लीलैंड फैक्ट्री में पिछले साल तक जहां हर माह करीब सात हजार वाहन बनते थे, इस माह घटकर दो सौ वाहन बनने की उम्मीद है। खरीदार न होने का नतीजा है कि फैक्ट्री का बुरा हाल है। फैक्ट्री तीन से 22 सितंबर तक कार्यबंदी दिवस घोषित कर दिए हैं। इससे फैक्ट्री के नियमित स्टाफ व ठेके पर काम करने वालों के समक्ष रोजगार का संकट गहरा रहा है।
अशोक लीलैंड फैक्ट्री की देश में कई इकाईयां हैं। जिनमें ट्रक, बस आदि बड़े वाहन बनाए जाते हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी की यूनिटों में करीब 18 से 20 हजार वाहन बीएस-4 वर्जन के बन चुके हैं,जो खड़े हैं। इनकी बिक्री डिमांड न आने से फैक्ट्री को काफी नुकसान हो रहा है। इसकी वजह अप्रैल 2020 से बीएस-6 वर्जन मानक वाले वाहनों की लांचिंग है। इसलिए लोग चाहकर भी वाहन नहीं खरीद पा रहे हैं।
सिडकुल स्थित अशोक लीलैंड में पिछले साल हर माह तकरीबन चार हजार वाहनों का औसत उत्पादन रहा। अगस्त में फैक्ट्री कुछ दिन बंद रही और करीब एक हजार वाहन बने थे। फैक्ट्री इस माह तीन से 22 सितंबर तक ब्लाक क्लोजर कर रखा है। फैक्ट्री 23 सितंबर को खुलेगी तो दो सौ वाहन बनने का अनुमान है। कार्य बंदी होने से फैक्ट्री के अफसरों व कर्मचारियों की बची छुट्टियों को अडजस्ट कर दिया गया है। ऐसे में कई के सामने रोजगार छीनने का संकट मंडराने लगा है। ठेके पर काम करने वालों का बुरा हाल है। इस फैक्ट्री से जुड़ी दो सहायक इकाइयां भी बंद पड़ी है।
अनूप सिंह, जोनल चेयरमैन सिडकुल केजीसीसीआइ ने बताया कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर अगले साल अप्रैल से बीएस-6 वर्जन के वाहन आने वाले हैं। इसलिए खरीदार कम हो गए। इसका असर ऑटो सेक्टर पर पड़ रहा है। तो वहीं डीके सिंह, एचआर हेड का कहना है कि सिडकुल पिछले साल हर माह करीब सात हजार वाहन बनते थे, अब उत्पादन कम हो गया। इसकी वजह डिमांड कम होना है। इस माह तीन से 22 सितंबर तक फैक्ट्री बंद है। फैक्ट्री खुलते ही निर्माण शुरू होगा। इस माह दो सौ वाहन बनाने का लक्ष्य है।
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