नैनीताल में मांगों को लेकर आशाएं भी विरोध में उतरीं, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
नैनीताले में विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। आशाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर विरोध दर्ज किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताले में विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। आशाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर विरोध दर्ज किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और फेडरेशनों के संयुक्त आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल को उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने भी समर्थन दिया है। गुरुवार को संगठन से जुड़ी आशा कार्यकर्ता तल्लीताल डांठ पर एकत्रित हुए। जहां उन्होंने मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संगठन प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि सरकार आशा वर्करों की उपेक्षा कर रही है। कोविड काल मे आशा कार्यकर्ता फ्रंट लाइन में रहकर काम कर रही है। जिसके बावजूद उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। संगठन ने आशा वर्करों को सरकारी सेवक का दर्जा व न्यूनतम 21 हजार वेतन देने, जब तक आशाओं को मासिक वेतन नहीं मिलता तब तक उन्हें स्कीम वर्कर की तरह मासिक मानदेय देने, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का प्रावधान, मासिक राशि व बकाया करने, कोरोना ड्यूटी में लगी वर्करों को 50 लाख का जीवन बीमा व 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा देने समेत अन्य मांगे की है। धरने में दुर्गा टम्टा, यशोदा देवी, हेमा पाठक, सुमन बिष्ट, इंदु बाला, सुनीता आर्या, हेमा बिष्ट, अमिता आर्या, हंसा खनायत, तुलसी बिष्ट, रमा भगत, लीला बोरा आदि मौजूद रहे।