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शिप्रा और कोसी ने छोड़े तबाही के निशान, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने संभाली कमान

लगातार बारिश से आसपास के क्षेत्रों में खूब तबाही मचाई। पानी का वेग कम होने के बाद अब तबाही के निशान सामने आ गए हैं। नैनीताल जिले में गरमपानी खैरना छड़ा लोहाली क्षेत्र में करीब बीस से ज्यादा आवासीय भवन नदी की भेंट चढ़ गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 01:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 01:52 PM (IST)
शिप्रा और कोसी ने छोड़े तबाही के निशान, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने संभाली कमान
शिप्रा और कोसी ने छोड़े तबाही के निशान, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने संभाली कमान

संवाद सहयोगी, गरमपानी : लगातार बारिश से आसपास के क्षेत्रों में खूब तबाही मचाई। पानी का वेग कम होने के बाद अब तबाही के निशान सामने आ गए हैं। नैनीताल जिले में गरमपानी, खैरना, छड़ा, लोहाली क्षेत्र में करीब बीस से ज्यादा आवासीय भवन नदी की भेंट चढ़ गए। वहीं अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे, रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे भी जगह जगह ध्वस्त हो गया है। 14 डोगरा रेजीमेंट, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ,प्रशासन की टीम ने करीब दो सौ से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर जीआइसी खैरना पहुंचाया। वहीं करीब करीब तीन से ज्यादा पर्यटकों को खाना, दवाई वितरित की गई है। टीमें मुस्तैदी से जुटी हुई है। क्षेत्र में बिजली, पानी व्यवस्था ध्वस्त है।

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लगातार बारिश के बाद बुधवार को धूप खिलने के बाद कोसी व शिप्रा नदी का वेग कम होने पर ध्वस्त मकानों की स्थिति साफ हुई। खैरना, लोहाली, चमडिया क्षेत्र में करीब बीस से ज्यादा मकान ध्वस्त हैं। वही जगह-जगह सड़कें बंद पड़ी है। दिल्ली, मुंबई, राजस्थान समेत तमाम क्षेत्रों के करीब तीन सौ से ज्यादा पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है 14 डोगरा रेजीमेंट के जवान, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही प्रशासन भी मुस्तैदी से जुटा है। कई पर्यटकों का स्वास्थ्य खराब होने के बाद सीएचसी गरमपानी में उपचार भी किया गया है। वहीं सेना के चिकित्सकों ने भी क्षेत्र में डेरा डाल दिया है। पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था के लिए लंगर लगाया गया है।

थम नही रहे आंसू,पहली बार दिखा शिप्रा का ऐसा रुप

नदियों की भेंट चढ़े आवासीय भवनों के स्वामियों के आंसू रोके नहीं रुक रहे। जिंदगी भर मेहनत कर बनाए गए भवन पलभर में ही नदी में समा गए। लोग एक दूसरे को ढंढासा बंधा रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार आज तक शिप्रा व कोसी के वेग ने ऐसी तबाही नहीं मचाई है।

देवदूत बहुत बनकर पहुंचे सेना के जवान

गरमपानी खैरना क्षेत्र के साथ ही कैची धाम क्षेत्र में भी सेना के जवान देवदूत बनकर पहुंचे। सैकड़ों लोग हाईवे बंद होने से कैंची क्षेत्र में फंस गए। सेना के जवानों ने पहुंचकर राशन सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। लोगों को दवाइयां भी वितरित की। खतरे से अनजान लोग डरे सहमे पहाड़ियों के नीचे बैठे रहे पर सेना के पहुंचने के बाद उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सका। कैंची क्षेत्र में आपातकालीन 108 में एक महिला ने बच्चे को भी जन्म दिया

गांव में भी हालात विकट

गांवो के हालात भी विकट है। जगह-जगह नदी नाले उफान पर आने से खेत में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। कई मवेशियों के बहने की भी सूचना है। लोहाली क्षेत्र में करीब तीन हजार मुर्गियां मलबे में दफन हो गई है।

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