Move to Jagran APP

देश का सबसे कम उम्र का नेत्रदाता है ऊधसिंहनगर जिले का यह मासूम, लिम्का बुक में दर्ज है पिता का नाम

सात दिन के मासूम बेटे की आंखें दान करने वाले पिता का नाम लिम्का बुक आफ रिकाॅर्ड में दर्ज होने के बाद वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। गदरपुर निवासी संदीप चावला के इस प्रयास को पूरे क्षेत्र में सराहा गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 02:31 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 02:31 PM (IST)
देश का सबसे कम उम्र का नेत्रदाता है ऊधसिंहनगर जिले का यह मासूम, लिम्का बुक में दर्ज है पिता का नाम
देश का सबसे कम उम्र का नेत्रदाता है ऊधसिंहनगर का यह मासूम, लिम्का बुक में दर्ज है पिता का नाम

गदरपुर, सतीश बत्रा : सात दिन के मासूम बेटे की आंखें दान करने वाले पिता का नाम लिम्का बुक आफ रिकाॅर्ड में दर्ज होने के बाद वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। गदरपुर निवासी संदीप चावला के इस प्रयास को पूरे क्षेत्र में सराहा गया। जिसका असर है कि गदरपुर का यह दिवंगत सात दिन का अर्जुन देश में सबसे कम उम्र में नेत्रदान करने वाला जवजात बना है।

loksabha election banner

मासूम बच्चे के वर्ष 2007 में दिवंगत होने के बाद नेत्रदान का असर है कि आज दो नेत्रहीनों को आंखे मिल गई हैं। नेत्रदान और रक्तदान की मुहिम चलाने वाले गदरपुर निवासी संदीप चावला के सामाजिक कार्यों के चलते देश के कई मंचों से सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में संदीप चावला बीमा अभिकर्ता के रूप में कार्यरत हैं। उत्तराखंड में प्रदेश का पहला आई बैंक देहरादून के गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय का नाम दिवंगत मासूम अर्जुन चावला के नाम पर करने का शासनादेश जारी हो चुका है। संदीप की मेहनत का असर है कि गदरपुर क्षेत्र में अभी तक करीब एक दर्जन लोगों से नेत्रदान करवा चुके हैं। जबकि सैकड़ों लोगों से नेत्रदान का संकल्प दिलवाया है।

69 बार किया रक्तदान

संदीप चावला रक्तदान के लिए भी मुहिम चला रहे हैं। वर्ष 1995 से रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे संदीप ने अभी तक हजारों लोगों से रक्तदान करवाया है। संदीप का कहना है कि रक्त का अभी तक कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में रक्तदान से लोगों को जीवनदान देना सबसे बड़ा पु़ण्य है।

राष्ट्रीय मंचों पर चार पुरस्कार

नेत्रदान और रक्तदान के लिए निश्शुल्क सामाजिक सहभागिता के लिए कई राष्ट्रीय स्तर के मंचों से सम्मानित किया गया है। वर्ष, 2016 में गॉडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड लखनऊ में होटल ताज रेजिडेंसी में दिया गया। जबकि अन्य कई सम्मान भी दिए गए। जिसमें एक बार प्रदेश सरकार भी सम्मानित कर चुकी है।

थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए भी आए आगे

थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए भी संदीप चावला ने आवाज उठाई। इस बीमारी से जूझ रहे बच्चोें को नियमित रूप से रक्त चढ़़ाने की आवश्यकता होती है। संदीप चावला ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. प्रतिभा देवी पाटिल से मिलकर थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए पूरे देश में निश्शुल्क रक्त की व्यवस्था करने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.