एंटी करप्शन कोर्ट ने रिश्वतखोर प्रधानाचार्य को पांच साल की कैद सुनाई, 20 हजार जुर्माना लगाया
कोर्ट ने राजकीय इंटर कॉलेज महुआडाबरा ऊधमसिंह नगर के प्रधानाचार्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने नेहरू राजकीय इंटर कॉलेज महुआडाबरा ऊधमसिंह नगर के प्रधानाचार्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार दस फरवरी 2015 को शिक्षक गनपत सिंह पुत्र बलराम निवासी ग्राम श्यामनगर बाबरखेड़ा जसपुर के द्वारा शिकायती पत्र विजीलेंस को भेजा गया। आरोप लगाया कि नेहरू जीआइसी महुआडाबरा के प्रधानाचार्य ऋषिपाल रवि द्वारा निलंबन अवधि के एरियर के भुगतान के एवज में घूस की मांग की जा रही है। विजीलेंस की जांच में प्रथम दृष्टïया आरोप सही पाए गए तो 12 फरवरी को साक्षियों की मौजूदगी में प्रधानाचार्य को 15 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। चार्जशीट दाखिल करने के बाद संयुक्त निदेशक विधि डीएस जंगपांगी द्वारा आरोप साबित करने के लिए गवाह पेश किए।
कोर्ट ने अभियुक्त ऋषिपाल को भ्रष्टïाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया और अधिनियम की धारा सात के तहत पांच साल कैद व दस हजार रुपये जुर्माना, धारा-13 एक डी सपठित 13 दो के अंतर्गत पांच साल कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। सतर्कता निदेशक ने प्रधानाचार्य को सजा होने पर पैरोकार टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
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