तेंदुए हमले से लोगों में गुस्सा, तीन घंटे तक जंगल में रखी लाश, आदमखोर घोषित करने की रखी मांग
आक्रोशित ग्रामीणों ने जंगल में ही शव को जमीन पर रख दिया और डीएफओ को बुलाने की जिद पर अड़ गए। करीब तीन घंटे बाद रामनगर से डीएफओ चंद्रशेखर जोशी यहां पहुंचे। ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सोलर फेंसिंग के आश्वासन पर ही लाश को उठाने दिया गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : घने जंगल में वन्यजीवों के हमले की आशंका की वजह से रविवार रात नत्थू लाल की ज्यादा खोज नहीं हो सकी, लेकिन अनहोनी से घबराए उसके बेटे और गांव के कुछ युवक सोमवार सुबह जंगल में तलाश को निकल गए थे। करीब साढ़े तीन किमी अंदर जाने पर नत्थू का शव बरामद हुआ। जिसके बाद गांव के लोग ही शव लेकर बाहर आने लगे। इस बीच वन विभाग की टीम भी आती दिखी। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जंगल में ही शव को जमीन पर रख दिया और डीएफओ को बुलाने की जिद पर अड़ गए। करीब तीन घंटे बाद रामनगर से डीएफओ चंद्रशेखर जोशी यहां पहुंचे। ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सोलर फेंसिंग और अन्य काम कराने के आश्वासन पर ही लाश को उठाने दिया गया।
बजूनिया हल्दू गांव फतेहपुर रेंज का हिस्सा है। रेंज का जंगल दमुवाढूंगा से लेकर काठगोदाम-रानीबाग तक फैला है। नौ दिसंबर को दमुवाढूंगा निवासी युवक की गुलदार के हमले में जान गई थी। 13 जनवरी को ब्यूराखाम के टंगर निवासी महिला को गुलदार ने मारा। अब बजूनिया हल्दू निवासी नत्थू लाल की जान चली गई। वहीं, जंगल से सटे इलाकों में अक्सर वन्यजीवों का आतंक रहता है। इसलिए लोग कई बार वन विभाग से सुरक्षा उपाय की मांग कर चुके हैं, मगर महकमे ने गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में नत्थू की मौत के बाद लोगों का धैर्य जवाब दे गया। स्थानीय ग्राम प्रधान मनीष आर्य ने बताया कि जंगल से लाने के बाद रास्ते में तीन घंटे तक शव को रोका गया।
ग्रामीणों का कहना था कि वन विभाग अगर सोलर फेंसिंग और हाथी दीवार जैसे काम नहीं करेगा तो आगे भी ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इसलिए डीएफओ को मौके पर आकर आश्वासन देना होगा। जिसके बाद डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने ग्रामीणों से जल्द सोलर फेंसिंग लगाने का वादा किया। तब जाकर शव को उठाया गया। बीडीसी मेंबर अक्षय सुयाल, ग्राम प्रधान रवि जीना व अन्य लोग भी ग्रामीणों के समर्थन में जुटे थे।
पुलिस का जवाब, पहले आप ढूंढ लो
मामले में लोगों ने पुलिस की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े किए हैं। ग्राम प्रधान मनीष आर्य ने बताया कि रविवार शाम नत्थू लाल के लापता होने पर उन्होंने पुलिस को फोन कर मदद मांगी थी। जिस पर एसओ मुखानी ने कह दिया कि पहले आप लोग खोज कर लो। फिर पुलिस को बताना। जिसके बाद नाराज लोगों ने सुबह एसएसपी से मामले की शिकायत की।
सावधान! प्रजनन काल में वन्यजीव खतरनाक
अक्टूबर से दिसंबर तक बाघ, हाथी, गुलदार, और भालू का प्रजनन काल होता है। जंगल किनारे से लगे गन्ने के खेतों में कई जगह हाल में मादा गुलदार ने बच्चे भी दिए हैं। प्रजनन अवधि में वन्यजीव बच्चों के अलावा खुद की सुरक्षा की वजह से भी आक्रामक मिजाज में रहते हैं। जिस वजह से इनमें आपसी संघर्र्ष भी होता है। ऐसे में जंगल क्षेत्र में जाने से परहेज करना चाहिए।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को भेजा पत्र
वन विभाग ने फिलहाल आबादी किनारे तीन पिंजड़े लगा दिए हैं। इसके अलावा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिख हमलावर वन्यजीव को आदमखोर घोषित करने की मांग की है। एक शिकारी से संपर्क भी साध लिया गया है। घटनास्थल के आसपास तीन कैमरे लगा दिए हैं। वन विभाग का मानना है कि हमलावर वन्यजीव ने शव का आधा हिस्सा खाया है। ऐसे में वह दोबारा जरूर आएगा। कैमरों से उसकी पहचान हो जाएगी।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य नीरज तिवारी ने बताया कि बीते गुरुवार को टंगर निवासी महिला की जान जाने के बावजूद वन विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा, एक और घटना हो गई। इन आदमखोरों को मारने या जल्द पकडऩे के आदेश जारी होने चाहिए।