ऊधमसिंह नगर में मासूमों के अंडे-केले खा गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मानक के अनुसार तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए एक मुश्त प्रति माह में आठ अंडे व आठ केले वितरण करना है। पर रविंद्रनगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में सोमवार को आठ अंडे के स्थान पर दो और तीन अंडे वितरण किया जा रहा था। केले भी दो-तीन।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिले के नौनिहाल कहां से स्वस्थ होंगे, जब यहां बच्चों को वितरण किए जाने पोषाहार में ही सेंध लगाई जा रही हो। मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के तहत रङ्क्षवद्रनगर केंद्र में मानक का एक चौथाई यानी आठ-आठ अंडे-केले की जगह दो-दो अंडे केले वितरण करने का मामला सामने आया है।
कुपोषण से जंग लडऩे का दंभ भरने वाला विभाग कुपोषण पर अंकुश लगाने में पीछे हो रहा है। जिला स्तरीय अधिकारियों के नाक के नीचे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नौनिहालों का निवाला छिन रहीं हैं। पोषण को लेकर बाल पलाश योजना के तहत पहले बच्चों को अंडे, केले और दूध का वितरण किया जा रहा था। बजट न मिलने से अंडे और केले का वितरण शुरू कर दिया गया। मानक के अनुसार तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए एक मुश्त प्रति माह में आठ अंडे व आठ केले वितरण करना है। पर रविंद्रनगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में सोमवार को प्रत्येक बच्चे व स्वजन को आठ अंडे के स्थान पर दो और तीन अंडे वितरण किया जा रहा था। केले भी दो-तीन। केले की क्वालिटी भी दबी हुई।
इस दौरान कुछ लोगों ने इसकी वीडियो बनाकर महिला एवं बाल विकास विभाग में शिकायत कर दी। जिसके बाद विभाग ने मामले को संज्ञान में ले लिया है। रविंद्रनगर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में 33 बच्चे पंजीकृत है और जिलेभर की बात करें तो 2,387 आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब डेढ़ लाख बच्चे पंजीकृत हैं। सीडीपीओ आशा नेगी ने बताया कि रविंद्रनगर आंगनबाड़ी केंद्र में अंडा केला मानक के अनुरूप न बटने की शिकायत मिली है। इस मामले में कुछ साक्ष्य भी मिले हैं। इसी आधार पर जांच बैठाई गई है। टीम केंद्र पहुंचकर मामले की जांच करेगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।