Ram Navami 2021: नौ साल बाद रामनवमी पर बना अद्भुत योग, घर पर रहकर मनाएं श्रीराम जन्मोत्सव
Ram Navami 2021 जगत को सत्य व धर्म की राह पर चलने की सीख देने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी इस बार 21 अप्रैल को मनाई जा रही है। रामनवमी पर नौ साल बाद पांच ग्रहों का शुभ संयोग बना है जो पर्व की शुभता बढ़ाने वाला है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Ram Navami 2021: संपूर्ण जगत को सत्य व धर्म की राह पर चलने की सीख देने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी इस बार 21 अप्रैल को मनाई जा रही है। रामनवमी पर नौ साल बाद पांच ग्रहों का शुभ संयोग बना है, जो पर्व की शुभता बढ़ाने वाला है। इसके पहले 2013 में ऐसा योग बना था। सूर्योदय से पहले शुरू नवमी तिथि इस बार शाम सात बजे बाद तक रहेगी। भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजे हुआ था। संयोगवश इस दिन अश्लेषा नक्षत्र, स्व ग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, दशम भाव में सूर्य, बुध व शुक्र और दिन बुधवार रहेगा। कोरोना के चलते हल्द्वानी शहर के प्राचीन श्रीराम मंदिर में राम जन्मोत्सव को इस बार प्रतिबंद्धों के साथ मनाया जाएगा।
राम नाम का जाप हितकारी
ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी के मुताबिक रामनवमी के दिन की गई पूजा और खरीदारी समृद्धिकारक होती है। श्रद्धालुओं को इस दिन राम नाम का जाप करना चाहिए। इससे शारीरिक व मानसिक कष्टों का निवारण होगा। कोरोना महामारी के चलते पूजा में शारीरिक दूरी का पालन करें। मास्क लगाए रखें। पूजा के दौरान मास्क लगाना वर्जित नहीं है।
दिनभर रहेगी नवमी तिथि, दोपहर में करें पूजन
श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार भगवान श्रीराम की राशि कर्क और लग्न भी कर्क है। लग्न में स्वग्रही चंद्रमा का होना सुख शांति प्रदान करेगा। नवमी तिथि मंगलवार रात करीब पौने एक बजे प्रारंभ होगी और बुधवार शाम तक रहेगी। नवमी पर भगवान राम की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे प्रारंभ होकर अपराहन डेढ़ बजे तक रहेगा। दोपहर 12 बजे जन्मोत्सव आरती भए प्रकट कृपाला दीन दयाला संतन हितकारी का गायन करें।
शाम को घर की देहरी पर जलाएं दीपक
रामनवमी के दिन रामनाम का जाप करना चाहिए। भगवान के बाल स्वरूप प्रतिमाओं को पालने में झुलाएं। शाम के समय घर की देहरी पर दीपक जलाएं। नवमी को मां दुर्गा व कन्या पूजन का भी विधान बताया गया है। कोरोना के देखते हुए भोज कराने से बचना चाहिए। शास्त्रों में देशकाल परिस्थिति के अनुसार पूजन करने का विधान बताया गया है।
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