चर्चा में माननीय : चिकित्सा विज्ञान से ताल्लुक नहीं रखता सांसद अजय भट्ट का बयान
नैनीताल सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट संसद में दिए बयान पर चौतरफा घिर गए हैं। उनके इस बयान को चिकित्सा विशेषज्ञों से लेकर विपक्ष व आम लोगों ने भी अवैज्ञानिक करार दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट संसद में दिए बयान पर चौतरफा घिर गए हैं। उनके इस बयान को चिकित्सा विशेषज्ञों से लेकर विपक्ष व आम लोगों ने भी अवैज्ञानिक करार दिया है। उन्होंने संसद में बयान दिया था कि अगर गर्भवती गरुड़ गंगा के पत्थर को रगड़कर एक कप पानी पी ले तो उसकी नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। उसे ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस आधार को स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ सिरे से नकारते हैं और कहते हैं, चिकित्सा विज्ञान में इस तथ्य का कोई भी वैज्ञानिक आधार अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि, सांसद अभी इस बयान को निराधार मानने के बजाय इस पर शोध किए जाने पर जोर दे रहे हैं।
हल्द्वानी की डॉ. रितु त्रिपाठी, वरिष्ठ स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बयान तो मैंने नहीं सुना है, लेकिन नार्मल डिलीवरी के अपने आधार होते हैं। किसी पत्थर के रगड़कर उसके पानी पीने से नार्मल डिलीवरी होती होगी, ऐसा मुझे नहीं पता है। इसका न ही कोई वैज्ञानिक आधार है। वहीं, डॉ. प्रेक्षा पांडे, वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने बताया कि पत्थरों के रगडऩे से बहुत कुछ निकलता है, लेकिन जहां तक किसी चीज के खाने और पीने से नार्मल डिलीवरी की बात है, यह पूरी तरह निराधार व अवैज्ञानिक है। क्योंकि हम जो भी खाते-पीते हैं, वह हमारे यूट्रस तक जाता ही नहीं है। सदन मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता बागेश्वर ने बताया कि गरुड़ नदी का पानी शुद्ध है। इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है, लेकिन इसे पानी व पत्थरों से स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह के दावे किए जाते हैं तो वह आधारहीन हैं। ऐसा होता तो गर्भवती महिलाएं हर दिन हायर सेंटर रेफर न करना पड़ता।
देवी दत्त दुबे, वरिष्ठ नागरिक, बागेश्वर ने बताया कि पत्थर घिसने से सांप के डसने का इलाज होना यह बात कहीं सुनी नहीं है। वैसे भी पहाड़ में पाई जाने वाली 95 प्रतिशत सांपों की प्रजाति जहरीली नहीं होती। स्वास्थ्य के दावे का आधार तथ्यहीन ही लगता है।
डॉ. इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में कहा कि अजय भट्ट का बयान मैंने सुना नहीं था, लेकिन जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, इससे लगता है, उन्होंने अपने निजी अनुभवों पर ही ऐसा बोला होगा। पत्थरों से कोई चमत्कार होता है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है, न ही इसका कोई वैज्ञानिक आधार है।
शोध कराने के उद्देश्य से बोला था - सांसद
संसद में दिए अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि गरुण गंगा के बारे में आज लोगों में कौतूहल पैदा हो गया है। कई लोग उस बारे में मुझसे पूछ रहे हैं। वैसे भी मैंने नार्मल डिलीवरी की बात कहकर न ही एलोपैथी और न ही किसी अन्य पैथी को चुनौती दी है। कुमाऊं संभाग कार्यालय हल्द्वानी में पत्रकारों से मुखातिब सांसद ने कहा कि संसद में मैंने इसे किवदंति के तौर पर कहा था, वहां के पत्थरों को घर पर रखने से सांप नहीं आते हैं और सांप के काटने पर इन पत्थरों को रगडऩे से जहर उतर जाता है। यह बात शोध के लिए कही थी। इस पर शोध होना चाहिए। वैसे भी देवभूमि में चमत्कारिक चीजें हैं। अपने प्रदेश के नेताओं को भौगोलिक ज्ञान नहीं है। इसलिए अनर्गल आरोप लगाते हैं।
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