Move to Jagran APP

पहाड़ों में अब फसल की सुरक्षा दीवार बनेंगे फलदार पौधे

कृषि विभाग ने जंगली जानवरों की समस्या का प्रबंधन करने की कार्ययोजना तैयार की है। जिसके तहत खेती वाले इलाकों में फलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 07:04 PM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 02:21 PM (IST)
पहाड़ों में अब फसल की सुरक्षा दीवार बनेंगे फलदार पौधे
पहाड़ों में अब फसल की सुरक्षा दीवार बनेंगे फलदार पौधे

हल्द्वानी, [जेएनएन]: पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों से फसलों को सुरक्षा प्रदान करना हमेशा से ही किसानों के लिए चुनौती रहा है। बागवानी फसलें हों या फिर फल पट्टी क्षेत्र। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले बंदर व अन्य जंगली जानवरों को भगाने के लिए कई तरह के उपाय आजमाने पड़ते हैं। ऐसे भी इलाके हैं जहां बंदरों के डर से लोग खेती छोड़ने को मजबूर हैं, लेकिन अब जंगली जानवरों से फसलों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जंगली व फलदार पौधे ही मददगार साबित होंगे। 

loksabha election banner

किसानों की इस समस्या को देखते हुए कृषि विभाग ने जंगली जानवरों की समस्या का प्रबंधन करने की कार्ययोजना तैयार की है। जिसके तहत वन क्षेत्रों के आसपास खेती वाले इलाकों में काफल, आम, हिसालू, जंगली अखरोट और अन्य जंगली फलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही मिर्च, शिमला मिर्च, भिंडी की खेती भी होगी, क्योंकि इन फसलों को बंदर नुकसान नहीं पहुंचाते। किसानों की आय दोगुना करने में भी यह योजना कारगर साबित होगी। 

ऐसे होगा जंगली जानवरों की समस्या का प्रबंधन 

खेतों के आसपास नींबू के पेड़ों की बाड़ लगाने से जंगली जानवर खेतों में प्रवेश नहीं करेंगे। साथ ही छायादार स्थानों में अदरक या हल्दी, लेमन घास की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इन फसलों को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते। वन क्षेत्रों के आसपास जंगली पौधों का रोपण करने से जानवरों को भोजन उपलब्ध होगा, जिससे वह भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों की ओर नहीं आएंगे। साथ ही संरक्षित खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। 

पॉलीहाउस बनेंगे सुरक्षा कवच 

जंगली जानवरों से अधिक प्रभावित पर्वतीय इलाकों में पॉलीहाउस में बागवानी खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पांच सौ वर्गमीटर से लेकर एक हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में पॉलीहाउस बनवाने के लिए किसानों को उद्यान विभाग अस्सी प्रतिशत अनुदान दे रहा है। पॉलीहाउस दो तरह से किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। एक तो जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचेगा और दूसरी ओर पॉलीहाउस में ड्रिप सिंचाई सुविधा होने से किसानों की सिंचाई की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। 

जिला कृषि अधिकारी धनपत कुुमार ने बताया कि जंगली जानवरों की समस्या से निपटने के लिए कुछ ऐसे उपाय अपनाए जाएंगे, जिससे जानवरों को भी नुकसान न पहुंचे और फसल को भी सुरक्षा मिल सके। प्रबंधन से ही जंगली जानवरों की समस्या को कम किया जा सकता है। 

यह भी पढ़ें: प्रवासी परिंदों को भा रहा उत्तराखंड का मौसम, उठा रहे नजारों का लुत्फ

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 'शिखर' पर बाघ, कैमरा ट्रैप में कैद हुर्इं तस्वीरें

यह भी पढ़ें: जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों के साथ चुनौतियां भी बढ़ीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.