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नैनीताल में 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटा पालिका आवास से अवैध कब्जा

न केवल अवैध कब्जा हटा बल्कि कब्जेदार को इन 30 सालों का 11 लाख 13 हजार किराया भी पालिका कोष में जमा करना पड़ा। साथ ही पालिका ने आवास कब्जे में ले लिया है। अब पालिका ने अवैध कब्जेदारों को हटाने की दिशा में राय लेनी शुरू कर दी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 07:32 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 07:32 AM (IST)
नैनीताल में 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटा पालिका आवास से अवैध कब्जा
अवैध कब्जों को हटाने के मामले में अदालत के आदेश व शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : नगरपालिका नैनीताल के आवास पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 30 साल बाद न केवल अवैध कब्जा हटा बल्कि कब्जेदार को इन 30 सालों का 11 लाख 13 हजार किराया भी पालिका कोष में जमा करना पड़ा। साथ ही पालिका ने आवास कब्जे में ले लिया है। इस फैसले के बाद अब पालिका ने अपने आवासों पर जमे अवैध कब्जेदारों को हटाने की दिशा में विधिक राय लेनी शुरू कर दी है। 

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गोपाल सदन समेत मल्लीताल, तल्लीताल समेत शहर के अन्य इलाकों में पालिका के आवास हैं। इन आवासों पर पालिका के सेवारत से लेकर रिटायर कर्मचारी रहते हैं। नियमानुसार रिटायर कर्मियों को सेवानिवृत्त होने के छह माह में आवंटित आवास खाली करना होता है लेकिन यहां रिटायर कर्मचारी सालों से पालिका आवासों पर जमे पड़े हैं। साथ ही किराया भी नाम मात्र का दे रहे हैं। गोपाल सदन में एक पालिका आवास पर जून 1990 से अवैध कब्जा था तो पालिका ने कब्जेदार को आवास से कब्जा हटाने का नोटिस थमा दिया, लेकिन उन्होंने आवास खाली नहीं किया तो पालिका ने सिविल शूट कर दिया। निचली अदालत से भी आवास खाली कराने के आदेश दिए तो कब्जेदार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत का आदेश बरकरार रखा तो कब्जेदार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का आदेश को सही ठहराते हुए कब्जेदार को आवास खाली करने की तिथि तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की दर से पालिका में किराया जमा करने का आदेश पारित कर दिया। 

दो सौ से अधिक आवासों पर अवैध कब्जे

पालिका के करीब दो सौ से अधिक आवासों पर रिटायर कर्मचारियों व अन्य के अवैध कब्जे हैं। अवैध कब्जों की वजह से पालिका के सेवारत कर्मचारी किराये पर रहने को मजबूर हैं। निकाय कर्मचारी महासंघ नैनीताल शाखा की ओर से हाई कोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दायर की गई है, जो विचाराधीन है। 

पालिका ईओ अशोक कुमार ने बताया कि कब्जेदार द्वारा पालिका कोष में प्रतिमाह तीन हजार की दर से 11 लाख 13 हजार किराया जमा कर दिया है। अवैध कब्जों को हटाने के मामले में अदालत के आदेश व शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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