मंगल व राहू की 19 साल बाद युति, अंगारक योग से कई हिस्सों में हो सकती है अतिवृष्टि
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि गुरु शनि की मकर राशि में रहते हुए संतुलन बनाए हुए है। राहू पहले से वृषभ राशि में है जिससे मंगल की युति होने के कारण अंगारक योग बन रहा है। यह योग अग्नि दुर्घटनाएं करा सकता है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मंगल व शुक्र की राशि में पिछले सप्ताह परिवर्तन हुआ है। 16 मार्च को शुक्र ग्रह मीन में प्रवेश कर गया, जबकि पिछले माह 22 फरवरी को मंगल वृभष राशि में प्रवेश कर गया था। मंगल व शुक्र का राशि परिवर्तन मिश्रित फलदायी रहेगा। ज्योतिषियों की मानें तो राशि परिवर्तन से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। देश के कई हिस्सों में बारिश व अतिवृष्टि जैसी स्थिति बन सकती है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि गुरु शनि की मकर राशि में रहते हुए संतुलन बनाए हुए है। राहू पहले से वृषभ राशि में है, जिससे मंगल की युति होने के कारण अंगारक योग बन रहा है। यह योग अग्नि दुर्घटनाएं करा सकता है। बावजूद इसके बुध अच्छी स्थिति में है, तो फसलों को अधिक हानि नहीं होगी। 19 वर्ष बाद बना यह योग 13 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।
अन्य ग्रहों की अच्छी स्थित बनाएगी संतुलन
ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी के मुताबिक मंगल व राहू की युति प्राकृतिक आपदा व सड़क दुर्घटना व अग्नि दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं लेकिन अन्य ग्रहों की अच्छी स्थिति होने से मंगल व राहू के कुप्रभाव से होने वाले अनिष्ट अधिक असरकारी नहीं रहेंगे। शुक्र ने मकर से कुंभ राशि में प्रवेश किया है। कुंभ शनि के अधिपत्य वाली राशि है। शुक्र व शनि में मित्रता होने से शुक्र सुखद परिणाम देगा। ऐसे में आगामी समय कई बदलाव वाला रह सकता है।
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