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World Tourism Day 2021 : साहसिक गतिविधियां दिलाएंगी पहाड़ को नई पहचान, वादियों में बढ़ा ट्रैकिंग, वॉटरफॉल व ब्रिज रैपलिंग का क्रेज

World Tourism Day 2021 अल्मोड़ा जनपद में कुछ नए अंदाज में पर्यटन गतिविधियां साहसिक खेलों से लगाव रखने वाले सैलानियों को उत्तराखंड की ओर खींचने में मददगार बनेंगी। साथ ही नए ट्रैक विकसित कर जैवविविधता पारिस्थितिकी तंत्र व पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव भी पैदा होगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 03:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 03:24 PM (IST)
World Tourism Day 2021 : साहसिक गतिविधियां दिलाएंगी पहाड़ को नई पहचान, वादियों में बढ़ा ट्रैकिंग, वॉटरफॉल व ब्रिज रैपलिंग का क्रेज
जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार साहसिक गतिविधियां प्रदेश में बड़े पर्यटन के रूप में ही उभरेगा।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : World Tourism Day 2021 : तीर्थाटन व पर्यटन के लिहाज से मशहूर पर्वतीय राज्य में साहसिक पर्यटन मसलन वॉटरफॉल रैपलिंग व ट्रैकिंग का क्रेज तेजी से बढऩे लगा है। तेज लहरों में राफ्टिंग के साथ ही पहाड़ में प्राकृतिक झरनों के बीच वॉटरफॉल रैपलिंग आदि की बढ़ती गतिविधियों ने रोजगार सृजन की उम्मीदों को पंख तो लगाए ही हैं। वहीं अल्मोड़ा जनपद में कुछ नए अंदाज में पर्यटन गतिविधियां साहसिक खेलों से लगाव रखने वाले सैलानियों को उत्तराखंड की ओर खींचने में मददगार बनेंगी। साथ ही नए ट्रैक विकसित कर जैवविविधता, पारिस्थितिकी तंत्र व पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव भी पैदा होगा। 

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प्रदेश स्तर पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने 'मेरे युवा मेरा उत्तराखंड' की थीम पर साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। संस्थान ने प्रत्येक वर्ष पांच हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। ठीक उसी तर्ज पर साहसिक पर्यटन व पर्वतारोहण से जुड़े जुनूनी युवाओं के रॉक लिजर्ड ग्रुप ने भी जनपद में कोरोनाकाल में साहसिक पर्यटन को रोजगार से जोड़ पर्यावरण, जल, नदी व झरनों के संरक्षण की अनूठी पहल शुरू की है।  विनोद भट्ट की अगुआई में 'युवा जागेगा तनाव भागेगा, पहाड़ बचेगा युवा संवरेगा' थीम के साथ कसारदेवी से वॉटरफॉल रैपलिंग की शुरूआत की दी गई है।

जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार साहसिक गतिविधियां प्रदेश में बड़े पर्यटन के रूप में ही उभरेगा। धार्मिक पर्यटन तो अपने आप में विशिष्ट है ही। मगर कोरोना से जंग के बीच रोजगार हो या पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की बात, साहसिक पर्यटन की संभावनाएं ज्यादा हैं। स्विट्जरलैंड व न्यूजीलैंड आदि देश इस क्षेत्र में सबसे अच्छा कर रहे हैं। देश में भी कई संस्थाएं इसी दिशा में काम भी कर रही हैं। निश्चित रूप से भविष्य में उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन नई पहचान देगा। 

बच्चों ने सीखे पुल पार करने के तरीके 

अल्मोड़ा : विश्व पर्यटन दिवस पर नगर के समीपवर्ती टूरिस्ट स्पॉट द्योलीडांडा में साहसिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। जिप लाइन, रैपलिंग ब्रिज, जुमरिंग, कमांडो नेट ट्वाइन आदि का प्रशिक्षण दिया। इसमें युवाओं के साथ ही बच्चों ने भी उत्साह से हिस्सा लिया। 

द्योलीडांडा में सोमवार को साहसिक खेलों की कार्यशाला हुई युवा पर्वतारोही विनोद भट्ट ने कहा कि प्रशिक्षण का मकसद युवाओं को प्रकृति से जोड़ उनकी ऊर्जा का उपयोग समाज निर्माण, पर्यावरण, पारिस्थितिकी व जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। ताकि बच्चों व युवाओं में रचनात्मकता लाई जा सके। ये गतिविधियां नशे से दूर रहने का भी ठोस माध्यम है। जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने गु्रप की पहल को सराहनीय बताया। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कल्याण मनकोटी व राज्य पुरस्कार प्राप्त वन्यजीव निश्चेतन व रेस्क्यू विशेषज्ञ जीवन चंद्र तिवारी ने बच्चों का हौसला बढ़ाया। प्रशिक्षण में महेंद्र रावत, हरीश सिंह बिष्ट, धीरज सतपाल, मनीष आर्या, दिनेश दानू, दीपकगिरि गोस्वामी, शिवानी बिष्ट, गीता, गुंजन, कल्पना, मनीषा, वर्षा, वंदना, सुजाता, गणेश गोस्वामी, राजेश गोस्वामी, हितेश पांडे, लक्ष्मण गोस्वामी, सूरज पांडे आदि शामिल रहे। 


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