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जब प्रशासन ने नहीं ली सुध तो ग्रामीणों ने खुद बना डाला अस्थाई पुल, जानिए कहां

ग्रामीण आवश्यक चीजों की खरीदारी के लिए बाजार नहीं पहुंच पा रहे थे। ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल की दीवार बनाने की मांग की लेकिन प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। इस पर ग्रामीणों ने स्वंय इसका हाल निकाला।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 05:45 PM (IST)
जब प्रशासन ने नहीं ली सुध तो ग्रामीणों ने खुद बना डाला अस्थाई पुल, जानिए कहां
ग्रामीणों ने आपसी सहयोग व मदद से करीब 20 मीटर लम्बे अस्थाई पुल का निर्माण किया।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : दो दिन पूर्व हुई बारिश ने चारों ओर तबाही मचाई। प्रशासन राहत कार्यों में लगा हुआ है। इसी बारिश में बेलखेत के पुल की एक ओर की दीवार नदी के बहाव में टूट गई। दीवार बनाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन प्रशासन द्वारा अन्य जगह व्यस्त होने पर ग्रामीणों ने स्वयं ही आवाजाही के लिए वैकल्पिक अस्थाई पुल बना लिया है। प्रशासन से मांग की है कि पुल की दीवार जल्द बनाए। 

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18 व 19 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश में बेलखेत पुल की एप्रोच दीवार टूट गई। दीवार टूटने से पुल के पार रहने वाले करीब पांच गांवों का संपर्क टूट गया। जिससे लोगों के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया। ग्रामीण आवश्यक चीजों की खरीदारी के लिए बाजार नहीं पहुंच पा रहे थे। ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल की दीवार बनाने की मांग की लेकिन प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। इस पर ग्रामीणों ने स्वंय इसका हाल निकाला। ग्रामीणों ने आपसी सहयोग व मदद से करीब 20 मीटर लम्बे अस्थाई पुल का निर्माण किया। अब आवागमन शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द पुल की दीवार बनाने की मांग की है। ग्रामीणों ने सभी का आभार जताया है। 

एनएचपीसी व लोहियाहेड में विद्युत उत्पादन बंद

शारदा नदी के उफान में आने से पानी में भीषण गंदगी, सिल्ट आने से सोमवार शाम समय से एनएचपीसी की पावर चैनल और शारदा नहर की जलापूर्ति रोक दी गई है। इससे एनएचपीसी के बनबसा स्थित टनकपुर पावर स्टेशन और लोहियाहेड पावर हाउस का विद्युत उत्पादन ठप हो गया है। शारदा हेडवक्र्स के प्रभारी बैराज अटेंडेंट जेई संजय सिंह बताया कि सोमवार शाम समय से नदी में अत्यधिक मलबा आने से एनएचपीसी की पावर चैनल और शारदा नहर में सुरक्षा के तहत पानी छोडऩा बंद किर दिया गया।

एनएचपीसी प्रशासन के मुताबिक सिल्ट के जमाव एवं टरबाइनों के ब्लेडों को घिसने से बचाने के लिए पावर चैनल और नहर में गंदा पानी नही छोड़ा जाता है। इन दिनों एमएचपीसी के टनकपुर पावर हाउस में 99 और लोहियाहेड में 38 मेगावाट बिजली बन रही थी। नदी में साफ पानी बहने के चार से छह घंटों बाद दोनों पावर हाउस बिजली उत्पादन शुरू करेंगे।


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