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भूस्खलन होने से गुंजी-कुटी सड़क एक तक ध्‍वस्‍त, आदि कैलास धाम से कटा संपर्क

चीन सीमा पर गुंजी-कुटी मार्ग पर नम्फा के पास भूस्खलन होने से एक किमी मार्ग बह गया। मलबा कुटी नदी में समा जाने से नदी में अस्थायी झील बन गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:11 PM (IST)
भूस्खलन होने से गुंजी-कुटी सड़क एक तक ध्‍वस्‍त, आदि कैलास धाम से कटा संपर्क
भूस्खलन होने से गुंजी-कुटी सड़क एक तक ध्‍वस्‍त, आदि कैलास धाम से कटा संपर्क

जेएनएन, धारचूला/मुनस्यारी (पिथौरागढ़) : सीमांत जिले पिथौरागढ में मौसम रविवार रात अन्य दिनों की अपेक्षा शांत रहा। वहीं, चीन सीमा पर गुंजी-कुटी मार्ग पर नम्फा के पास भूस्खलन होने से एक किमी मार्ग बह गया। मलबा कुटी नदी में समा जाने से नदी में अस्थायी झील बन गया है। वहीं, मार्ग बंद होने से अंतिम भारतीय गांव कुटी और प्रसिद्ध आदि कैलास धाम का संपर्क कट गया है। चीन सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-सोबला-तिदांग और मुनस्यारी-मिलम मार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा। जिले के कुल 11 ग्रामीण सड़कें अब भी बंद हैं। 

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सीमांत में रोजाना मूसलाधार बारिश हो रही है। इधर रविवार की रात मौसम अन्य दिनों की अपेक्षा शांत रहा। इससे आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत मिली। शनिवार को गुंजी-कुटी मार्ग पर नम्फा पुल के पास भूस्खलन हुआ। इससे करीब एक किमी मार्ग कुटी नदी में बह गया। मार्ग बंद होने से कुटी सहित आदि कैलास का संपर्क कट गया।

कुटी के ग्राम प्रधान के अनुसार एक किमी मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बीआरओ ने पैदल चलने के लिए बुधवार तक मार्ग खोलने का दावा किया है। वाहनों के लिए मार्ग खुलने में लंबा समय लग सकता है। यह मार्ग आदि कैलास तक जाता है। कुटी से आगे तक सड़क बनी है उससे आगे पैदल यात्रा करनी होती है। 

इस बीच श्रावण माह में भक्तों को आदि कैलास जाने में अब लंबी पैदल दूरी तय करनी होगी। आइटीबीपी को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, चीन सीमा को जोडऩे वाला तवाघाट-दारमा मार्ग तीन स्थानों पंपावे, युरंग और नागलिंग में मलबा आने से पांचवें दिन भी बंद रहा। इससे दरमा के 13 गांवों का संपर्क कटा हुआ है। 

मुनस्यारी के मल्ला जोहार को जोडऩे वाला मुनस्यारी-मिलम मार्ग भी बंद है। जिमिघाट, लिलम के मध्य मलबा आने से आवाजाही ठप है। जोहार घाटी में अभी मोटर मार्ग निर्माण का कार्य चल रहा है। पैदल और निर्माणाधीन मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय के तेरह गांवों का संपर्क कटा है। धारचूला नगर के मध्य समेजी मंदिर के निकट हुए भूस्खलन से खतरे में आए कई परिवार दहशत में हैं। जिले के सीमांत क्षेत्र में अभी भी 11 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। इससे करीब एक से डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है। 

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