Move to Jagran APP

एक्टर विद्युत जामवाल ने उत्तराखंड के पुलिस जवान मनीष पंत को बताया बजरंगबली

पौड़ी जिले के मैली गांव निवासी मनीष पंत वर्तमान में दून में तैनात हैं। मनीष लोगों तक दवा पहुंचा रहे हैं। इस काम को वह व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 11:53 AM (IST)
एक्टर विद्युत जामवाल ने उत्तराखंड के पुलिस जवान मनीष पंत को बताया बजरंगबली
एक्टर विद्युत जामवाल ने उत्तराखंड के पुलिस जवान मनीष पंत को बताया बजरंगबली

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : देहरादून में फायर ब्रिगेड में तैनात मनीष पंत पहाड़ के लोगों के लिए संकटमोचक की भूमिका निभा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली व दून में रहने वाले 100 लोगों को इमरजेंसी में दवा पहुंचा चुके हैं। जवान ने महकमे का मान बढ़ाया तो बॉलीवुड के नामी एक्टर विद्युत जामवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो में मनीष को वर्तमान का हनुमान बताया। कहा-मैं आपका बड़ा फैन हूं। पुलिस विभाग में मनीष को मेडिसीन मैन कहा जाने लगा है।

loksabha election banner

मूल रूप से पौड़ी जिले के मैली गांव निवासी मनीष पंत वर्तमान में दून में तैनात हैं। बड़े भाई सुनीत पंत बतौर सब इंस्पेक्टर टिहरी में कोरोना योद्धा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 22 मार्च से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति बन गई थी। उसके बाद से मनीष लोगों तक दवा पहुंचा रहे हैं। इस काम को वह व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं। कुमाऊं व गढ़वाल दोनों जगह पर उनके द्वारा लोगों की मदद की गई।

इसके बाद एक्टर विद्युत जामवाल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि भगवान हनुमान पहाड़ से संजीवनी बूटी लेकर आए थे। लॉकडाउन के दौर में मनीष सुपर हीरो और हनुमान की तरह काम कर रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस व फायर के फेसबुक पेज इस वीडियो को हजारों लोग देख चुके हैं। हर कोई मनीष की सराहना कर रहा है।

फेसबुक पोस्ट कर खुद की अपील

मनीष के मुताबिक 22 मार्च को जनता कफ्र्यू वाले दिन उनके पड़ोस में एक बुजुर्ग महिला की बीपी की दवा अचानक खत्म हो गई। पता चलने पर वह दवा लेकर उनके घर पहुंचे। इसके बाद 23 मार्च को उन्होंने अपनी फेसबुक आइडी पर पोस्ट किया-अगर लॉकडाउन में किसी को जरूरत पड़े तो संपर्क कर सकता है। हौसले के दम पर मनीष सौ से ज्यादा लोगों के मददगार बन चुके हैं।

प्रेस की गाडिय़ों से मिली मदद

फायरमैन के मुताबिक वह खुद दून से 100 किमी दूर दवा लेकर गए थे। इसके बाद राशन, दूध की गाडिय़ों से दवा भेजी। मनीष ने बताया कि मरीज तक दवा पहुंचवाने में सबसे ज्यादा मदद प्रेस की गाडिय़ों से मिली।

नैनीताल आकर बर्थडे की पार्टी करना 10 लोगों को महंगा पड़ा, पुलिस एक्ट में चालान 
काशीपुर में पीट-पीट कर हुई मासूम की हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, पिता पर केस दर्ज 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.