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हाई कोर्ट के आदेश के बाद करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को पीसीएस में बैठने का मिल सकता है मौका

हाई कोर्ट के पीसीएस परीक्षा में अभ्यर्थियों की आयु सीमा और फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाने के मामले में निर्णय लेने के आदेश से राज्य के करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका मिल सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:08 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:08 AM (IST)
हाई कोर्ट के आदेश के बाद करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को पीसीएस में बैठने का मिल सकता है मौका
हाई कोर्ट के आदेश के बाद करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को मिलेगा पीसीएस परीक्षा में बैठने का मौका

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट के पीसीएस परीक्षा में अभ्यर्थियों की आयु सीमा और फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाने के मामले में निर्णय लेने के आदेश से राज्य के करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका मिल सकता है। दरअसल याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों की आयु 45 साल हो चुकी है जबकि इस परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 साल है। परीक्षा के लिए 10 अगस्त 2021 को विज्ञापन जारी किया गया जबकि परीक्षा 10 अक्टूबर को होनी तय है। राज्‍य बनने के बाद पीसीएस की अब तक छह परीक्षा हुई हैं।

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2016 के बाद कोई परीक्षा नहीं हुई, जिस कारण यह अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित हो गए। 2014 में सी सेट पैटर्न लागू किया था, नए पैटर्न के चलते वह क्वालीफाइ नहीं कर पाए थे। यह पैटर्न यूपीएससी की परीक्षा में 2011 में लागू किया गया था। इसके अनुसार जो अभ्यर्थी इस परीक्षा को क्लीयर नहीं कर पाए थे, उन्हें भारत सरकार द्वारा 2012 में दो बार अतिरिक्त अवसर दिए गए। उत्तराखंड में 2016 से यह परीक्षा ही नहीं हुई है, जिसका लाभ अभ्यर्थियों को अब तक नहीं मिल सका है। यदि कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार ने तीन साल आयु सीमा में छूट दे दी तो हजारों अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा।

यूओयू में डिग्री से सर्टिफिकेट तक 92 विषयों में होंगे प्रवेश

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में ग्रीष्मकालीन सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रवेश प्रक्रिया एक सितंबर से 30 नवम्बर तक चलेगी। इसमें स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा व सॢटफिकेट के लगभग 92 विषयों में प्रवेश होंगे। सभी विषयों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रभारी डा. एमएम जोशी ने बताया कि स्नातक के 12 पाठ्यक्रमों, स्नातकोत्तर के 31 पाठ्यक्रम, डिप्लोमा के 16 व सर्टिफिकेट के 33 विषयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर सभी विषयों में पिछले वर्ष से सेमेस्टर प्रणाली भी लागू कर दी गई है। प्रथम या द्वितीय सेमेस्टर या वर्ष के छात्र भी बिना परीक्षा परिणाम जारी हुए अगली कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं।


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