हल्द्वानी के साठ गांवों में 70 क्वारंटाइन सेंटर, अधिकांश जगह स्कूलों का इस्तेमाल किया गया
हल्द्वानी ब्लॉक के साठ गांवों में 70 क्वारंटाइन सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं। ब्लॉक की टीमों ने इनका निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा भी लिया।
हल्द्वानी, जेएनएन : हल्द्वानी ब्लॉक के साठ गांवों में 70 क्वारंटाइन सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं। ब्लॉक की टीमों ने इनका निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा भी लिया। फिलहाल 45 लोगों को यहां रूका गया है। बिजली-पानी और बिस्तर की व्यवस्था सब जगह की की जा चुकी है।
दिल्ली, गुरुग्राम, गुजरात आदि जगहों से लौटने वालों का सिलसिला लगातार जारी है। नियम के अनुसार बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन होम क्वारंटाइन नियम का पालन करना अनिवार्य है। अगर किसी के घर पर जगह नहीं है तो उसे संस्थागत क्वारंटाइन करना होगा।
ग्रामीण इलाकों में संस्थागत क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को सौंपी गई है। बीडीओ डॉ. निर्मला जोशी ने बताया कि गांव के 63 स्कूल, छह पंचायत घर व एक आंगनबाड़ी केंद्र को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। प्रधान इनकी मॉनीटङ्क्षरग भी कर रहे हैं। ब्लॉक की टीम भी लगातार चेकिंग कर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में जुटी है।
होम क्वारंटाइन मोहल्ले में घूम रहा था
बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के उत्तर उजाला निवासी मुकुल नाम का युवक हाल में उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद से घर लौटा था। होम क्वारंटाइन करने के बावजूद वह बगैर मास्क पहने मोहल्ले में घूम रहा था। एसओ सुशील कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सभी थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के क्वारंटाइन लोगों का अपडेट स्थानीय लोगों से ले रहे हैं।
क्वारंटाइन पूरा करने के बाद मौत
पूर्व ग्राम प्रधान त्रिलोक नौला ने बताया कि बागजाला निवासी निजामुद्दीन नाम के बुजुर्ग ने 25 अप्रैल को क्वारंटाइन अवधि पूरी की थी। सोमवार को संदिग्ध हालत में निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार के एक अन्य व्यक्ति की तबीयत भी खराब थी। मगर अब घर में ताला लगा हुआ है। पूर्व प्रधान ने प्रशासन से मांग की है कि दोबारा लौटने पर सबका टेस्ट करवाए जाए।