कुमाऊं मंडल में कोरोना संदिग्धों के 496 सैंपल गायब, अब इनकी कैसे पता चलेगी रिपोर्ट
जहां पूरी सरकार ही कोरोना नियंत्रण में जुटी है। हर विभाग पूरी ताकत से जुटा है ऐसे में भी जांच के नमूनों के आंकड़ों को लेकर ही स्पष्टता नहीं है।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : जहां पूरी सरकार ही कोरोना नियंत्रण में जुटी है। हर विभाग पूरी ताकत से जुटा है, ऐसे में भी जांच के नमूनों के आंकड़ों को लेकर ही स्पष्टता नहीं है। स्वास्थ्य विभा की रिपोर्ट में ही कुमाऊं में 1321 सैंपल की रिपोर्ट लंबित हैं, लेकिन मंडल स्तर की एकमात्र वायरोलॉजी लैब में केवल करीब 825 सैंपल ही लंबित बताए जा रहे हैं। ऐसे में 496 सैंपल कहां पर हैं, इसकी जानकारी देने के लिए कोई तैयार नहीं है। इस बाबत अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती को फोन किया गया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
ये हैं लंबित जांचें
जिला जांचें
नैनीताल 603
अल्मोड़ा 58
बागेश्वर 136
चम्पावत 105
पिथौरागढ़ 318
ऊधमसिंह नगर 101
नोट- यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की पांच मई की दो बजे तक तक की रिपोर्ट पर आधारित।
हल्द्वानी के वायरोलॉजी लैब की स्थिति
राजकीय मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में एक दिन में कई बार 200 से अधिक जांचें हो रही हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अब तक 12333 सैंपल आ चुके हैं। इसमें से 11508 की जांच हो चुकी है। इसमें से 825 नमूनों के जांच कराने की प्रक्रिया चल रही है।
सीएम ने कहा था कर ली पूरी तैयारी
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 मई को हल्द्वानी में कहा था कि उन्हें प्रवासियों के बड़ी संख्या में पहुंचने का अनुमान था। इसलिए उन्होंने लॉकडाउन की अवधि में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त कर ली थी। लेकिन, हकीकत यह है कि कुमाऊं में अभी तक कोविड-19 की जांच के लिए एकमात्र लैब है। टेस्टिंग समय पर नहीं होने की वजह से लोग परेशान हैं। रुद्रपुर व अल्मोड़ा में लैब खोलने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो सकी है।
रुद्रपुर, अल्मोड़ा में लैब जल्द तैयार
मंडलायुक्त कुमाऊं अरविंद सिंह हयांकी ने बताया कि जांच की सुविधाएं बढ़ाने में समय लगेगा। उपकरण मंगवाने, स्थापित करने, कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने में थोड़ा वक्त लग रहा है, लेकिन प्रयास तेजी से चल रहे हैं। रुद्रपुर, अल्मोड़ा में लैब जल्द तैयार हो जाएगी। वैसे अब प्रवासियों की आने की संख्या कम हो गई है। संक्रमित की संख्या भी घटी है। बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मिले लोगों को डिस्चार्ज तेजी से किया जा रहा है।
जांच बढ़ाई जानी चाहिए
अनूप नौटियाल, संयोजक, सोशल डेवलमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन ने बताया कि सैंपल की जांच कम होना चिंताजनक है। इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिससे कि समय रहते बीमारी के अधिक प्रसार को रोका जा सके।
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