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बागवानी से अपनी किस्मत खुद लिख रहे बागेश्वर के 40 परिवार, 200 से अधिक दे रहे रोजगार

जाखनी गांव की बंजर जमीन पर उद्यान विभाग की सहायता से पालीहाउस में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं। इससे गांव के सब्जी उगाने वाले परिवार को तो अच्छी आमदनी हो ही रही है साथ में इससे जुड़े 200 लोगों को परोक्ष रूप से काम मिल गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 05:59 PM (IST)
बागवानी से अपनी किस्मत खुद लिख रहे बागेश्वर के 40 परिवार, 200 से अधिक दे रहे रोजगार
उद्यान विभाग समय-समय पर काश्तकारों को तकनीकी खेती के टिप्स भी दे रहा है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: उत्तराखंड में पहाड़ पर खेती करना बहुत ही मुश्किल काम माना जाता है। बारिश, ओलावृष्टि व जंगली जानवर सहित कई खतरे रहते हैं। पर इन विषम हालातों में कुछ साहसी भी हैं, जो आधुनिक तकनीकि व हौसले से अच्छी पैदावार कर न सिर्फ स्वरोजागार पा रहे बल्कि औरों की भी जिंदगी संवार रहे।

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यहां बात हाे रही बागेश्वर के जाखनी गांव के 40 परिवार की, जो बागवानी से अपनी किस्मत बदल रहे हैं। 15 पालीहाउस में बेमौसमी सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। गांव के 200 से अधिक लोगों को इससे रोजगार मिला है। 

उद्यान विभाग का ड्रीम प्रोजेक्ट धरातल पर दिखने भी लगा है। महिलाएं पारंपरिक खेती से हटकर काम करने से गांव में खुशहाली आ रही है। उद्यान विभाग समय-समय पर काश्तकारों को तकनीकी खेती के टिप्स भी दे रहा है।

जाखनी गांव में वर्षों से लगभग 50 नाली से अधिक भूमि बंजर पड़ी थी। उद्यान विभाग ने गांव का रुख किया। गांव के रमन सिंह मेहता से मुलाकात की। बंजर भूमि के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि यह सभी ग्रामीणों की भूमि है।

बंदरों से फसल को नुकसान हो रहा था। लोगों ने बुआई छोड़ दी और खेत लंबे समय से बंजर हैं। उद्यान विभाग ने गांव में बैठक आयोजित की। बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन की बारीकियां बताई। 15 पालीहाउस ग्रामीणों को 80 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध कराए। युवा पीढ़ी ने तकनीकी खेती करने का मन बनाया और अब सब्जियों का उत्पादन होने लगा है।

टमाटर की फसल उम्दा

खीरा, शिमला मिर्च के साथ ही पालीहाउस में टमाटर की खेती उम्दा हो रही है। गोबर की खाद से उत्पादित सब्जी का स्वाद ही कुछ और है। इसके अलावा यहां बंद गोभी और मटर की फसल भी बेहतर हो रही है। गांव की विमला देवी, कमला देवी, सरस्वती देवी आदि ने बताया कि उद्यान विभाग से बीज, प्रशिक्षण आदि निश्शुल्क दिया गया। उद्यान सचल दल का एक कर्मचारी प्रत्येक सप्ताह प्रशिक्षण देने आ रहे हैं। तीन माह के भीतर जिला उद्यान अधिकारी ने तीन बार निरीक्षण कर लिया है।

जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि जाखनी गांव सब्जी उत्पादन का हब बन रहा है। कृषक अंश के अलावा अगले वर्ष दोगुनी सब्जियां उत्पादित कराने का लक्ष्य है। किसानों से सब्जी खरीदने के लिए लोग गांव आने लगे हैं। पूर्वजों की बंजर भूमि फिर से लहलहाने लगी है।


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