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तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटा बीडी पंडे अस्पताल प्रबंधन, बच्‍चों के लिए रिजर्व होंगे 40 बेड

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभावत कम होने के बाद विशेषज्ञों और सरकार द्वारा जल्द तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 02:36 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 02:36 PM (IST)
तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटा बीडी पंडे अस्पताल प्रबंधन, बच्‍चों के लिए रिजर्व होंगे 40 बेड
तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटा बीडी पंडे अस्पताल प्रबंधन, बच्‍चों के लिए रिजर्व होंगे 40 बेड

नैनीताल, जागरण संवाददता : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभावत कम होने के बाद विशेषज्ञों और सरकार द्वारा जल्द तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। छोटे बच्चों को अधिक प्रभावित करने की संभावना को देखते हुए अस्पताल में बच्चों के लिए कोविड सैल स्थापित किया गया है। जहां अतिरिक्त बेड लगाने के साथ ही आक्सीजन और अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। इसके अलावा चिकित्सकों द्वारा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के मंद पड़ने के बाद लॉकडाउन हटाने के साथ ही अन्य गतिविधियां सुचारू कर दी गई है। ऐसे में चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सितंबर से अक्टूबर में संक्रमण की लहर आने का अंदेशा जता रहे हैं। अनुमान है कि तीसरी लहर में छोटे बच्चे अधिक प्रभावित होंगे। बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन ने संभावित लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बच्चों के लिए अलग से कोविड वार्ड बनाने के साथ ही चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही आवश्यक उपकरण और कोविड बचाव सामग्री व दवाइयां भी जुटाई जा रही है।

बच्चों के लिए बनेंगे 40 बेड अस्पताल

पीएमएस डॉ केएस धामी ने बताया कि संभावित लहर से निपटने के लिए अस्पताल में 40 बेड बच्चों के लिए रिजर्व रखे जाएंगे। फिलहाल पुरुष और महिला अस्पताल में 25 बेड का वार्ड स्थापित कर दिया गया है। यदि जरूरत पड़ी तो बैड की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

डॉ धामी ने बताया कि तीसरी लहर में छोटे बच्चों के संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है। व्यस्क लोगों की अपेक्षा बच्चों की देखरेख को लेकर अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। जिसको लेकर अस्पताल में तैनात दो बाल रोग विशेषज्ञों के नेतृत्व में मेडिकल टीम का गठन किया गया है। इन दिनों डॉ एमएस रावत और डॉ संजीव खर्कवाल द्वारा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

ताकि संक्रमण के पीक टाइम में न हो परेशानी

डॉ धामी ने बताया कि लहर की संभावना को देखते हुए पूर्व में ही सभी तैयारियां चाक-चौबंद रहे यह कोशिश की जा रही है। बच्चों के लिए बनाए गए वार्ड में ऑक्सीजन कंसेंटेटर और अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं। साथ ही कोविड बचाव को लेकर दवाइयों और अन्य सामान ऑर्डर कर दिया गया है। जिससे बाद में परेशानी खड़ी ना हो।


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