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मनरेगा बन रहा रोजगार का सबसे बड़ा जरिया, बड़ी तादाद में लोग करा रहे रजिस्ट्रेशन

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही प्रवासियों का गावों की ओर रुख बढ़ा है।

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2020 02:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 01:50 PM (IST)
मनरेगा बन रहा रोजगार का सबसे बड़ा जरिया, बड़ी तादाद में लोग करा रहे रजिस्ट्रेशन
मनरेगा बन रहा रोजगार का सबसे बड़ा जरिया, बड़ी तादाद में लोग करा रहे रजिस्ट्रेशन

हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही प्रवासियों का गावों की ओर रुख बढ़ा है। सरकार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने की कोशिश में जुटी है। जिले के सरकारी आकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान करीब ढाई हजार लोगों ने मनरेगा में काम करने के लिए पंजीकरण कराया है।

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देशभर से उत्तराखंड में बड़ी संख्या में प्रवासी लौट रहे हैं। यहा आने के बाद उनके सामने सबसे बढ़ा संकट रोजगार का है। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें कोशिश में जुटी हैं। वहीं, लॉकडाउन की अवधि में बेरोजगार अब मनरेगा में रोजगार की तलाश करने लगे हैं।

जिला विकास अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले फरवरी में मनरेगा के लिए रजिस्टर्ड लोगों की संख्या 101708 थी। जबकि लॉकडाउन के बाद जिले में 2484 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। मई में अब तक यह संख्या बढ़कर 104192 पहुंच गई है। जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी ने बताया कि मनरेगा में रोजगार मुहैया कराने के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। हालांकि अभी तक जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 18533 प्रवासी आ चुके हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 8626 प्रवासी शामिल हैं।

मनरेगा के लिए ऐसे बनाएं जॉब कार्ड

मनरेगा में काम करने के इच्छुक लोग ग्राम पंचायत, ब्लॉक या एनजीओ के माध्यम से परिवार रजिस्टर की नकल के आधार पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जिला विकास अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिक को मनरेगा में काम के लिए आवेदन करना होगा। शुरुआत में 15 दिन का काम श्रमिक को दिया जाएगा। इसी तरह जितनी बार वह आवेदन करेगा, 15 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाएगा। सालभर में कुल 100 दिन का एक काम श्रमिक को दिया जाएगा। मनरेगा के तहत जल संरक्षण के लिए चाल-खाल निर्माण, गरीबों के लिए शौचालय या गोशाला निर्माण, सार्वजनिक रास्ते, पुलिया निर्माण आदि काम कराए जा रहे हैं।

क्या कहना है ग्राम प्रधानों का

मुन्नी पलड़िया, ग्राम प्रधान हैड़ाखान, भीमताल ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासियों में से मनरेगा में काम करने के इच्छुक लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। अब तक करीब 45 लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है। मनरेगा के तहत गाव में विकास कार्यो के लिए प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। रजनी देवी, ग्राम प्रधान स्यात, कोटाबाग ने बताया कि ग्रामसभा में मनरेगा के तहत रास्ते का निर्माण कराया जा रहा है। बाहर से आने वाले लोगों को मनरेगा में काम करने के लिए प्रेरित कर रोजगार से जुड़ने की अपील की जा रही है। चाल-खाल, गोशाला निर्माण आदि विकास कार्यो के लिए प्रस्ताव खंड विकास कार्यालय के माध्यम से भेजे जा रहे हैं।

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