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Uttarakhand News: पंचायत घर और सामुदायिक भवनों में चल रहे 147 प्राथमिक स्कूल

अल्मोड़ा में 1263 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में से 147 स्कूल क्षतिग्रस्त है। अब इन स्कूलों में बच्चे नही पढ़ते है। इनकी पढ़ाई लिखाई पास की के पंचायत घर सामुदायिक भवनों आंगनबाड़ी या दूसरे स्कूलों में होती है। विभाग ने डी श्रेणी में रखा है पर अभी तक दुरुस्त नहीं किया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 10:10 AM (IST)
Uttarakhand News: पंचायत घर और सामुदायिक भवनों में चल रहे 147 प्राथमिक स्कूल
दयनीय हालत को देख अब अभिभावक अपने पाल्यों को सरकारी स्कूलों से निकाल दूसरे स्कूलों में डाल रहे।

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा: शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के सरकार भले ही लाख दावे कर ले। लेकिन जमीनी हकीकत बेहद भयावह है। आपदा से क्षतिग्रस्त हुए जिले के 147 राजकीय प्राथमिक स्कूलों भवन आज तक ठीक नहीं हो पाए है। यहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसलिए इन स्कूलों को पंचायत घर, सामुदायिक भवनों व आंगनबाड़ी में शिफ्ट कर जैसे-तैसे चलाने के दावे किए जा रहे हैं।

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देश का भविष्य बच्चे होते है और इसे संवारने व बनाने का कार्य स्कूलों का होता है। लेकिन जिन जगहों पर स्कूल ही ना हो वहां सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे आने वाले कल का भविष्य क्या होगा।

जिले में 1263 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में से 147 स्कूल क्षतिग्रस्त है। अब इन स्कूलों में बच्चे नही पढ़ते है। इनकी पढ़ाई लिखाई पास की के पंचायत घर, सामुदायिक भवनों, आंगनबाड़ी या दूसरे स्कूलों में होती है।

हैरत की बात है की विभाग ने विद्यालयों की स्थिति का मुआयना कर उन्हें डी श्रेणी में रखा है। लेकिन अभी तक इनको दुरुस्त नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारी पैसे की कमी का ही रोना रोते है। दयनीय हालत को देख अब अभिभावक अपने पाल्यों को सरकारी स्कूलों से निकाल दूसरे स्कूलों में डाल रहे हैं।

ब्लॉक आपदा से क्षतिग्रस्त विद्यालय

ताकुला            6

हवालबाग        6

लमगड़ा          11

धौलादेवी        10

भैसियाछाना     2

स्याल्दे           16

सल्ट             25

द्वाराहाट       20

भिकियासैण   10

चौखुटिया      17

ताड़ीखेत       24

जिला शिक्षाधिकारी सत्यनारायण ने बताया कि जिले में क्षतिग्रस्त विद्यालयों में आपदा काल के लिए आश्रय स्थल चयनित है। मानसून को देखते हुए इन स्थानों का उपयोग करने के निर्देश दे दिए गए है। वही आपदा से क्षतिग्रस्त विद्यालयों का आगणन कर जिला प्रशासन को भेजा जाएगा। धनराशि स्वीकृत होते ही इन विद्यालयों को दुरुस्त कराया जाएगा।


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