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बागेश्वर में भारी बारिश से 11 सड़कें बंद, 11 हजार से अधिक जनसंख्या प्रभावित

शुक्रवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से भयूं-गडेरा पंत क्वैराली जखेड़ा-लमचूला डंगोली-सैलानी सिमगड़ी शामा-गोगिना कपकोट-कर्मी बघर धरमघर-माजखेत पुड़कुनी शामा-नाकुड़ी समेत 11 मोटर मार्ग आवागमन के लिए बंद हो गए हैं। सलेड़ी गांव में एक मकान अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया है। जिससे परिवार के छह सदस्य बेघर हो गए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 05:54 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 05:54 PM (IST)
बागेश्वर में भारी बारिश से 11 सड़कें बंद, 11 हजार से अधिक जनसंख्या प्रभावित
बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में बारिश का दौर जारी है। सुबह लगभग चार घंटे तक झमाझम बारिश हो रही है। यह सिलसिला पिछले चार दिनों से अनवरत जारी है। जिसके कारण 11 सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है। मलबा आने से यातायात बंद हो गया है। जबकि सलेड़ी गांव में एक मकान अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया है। जिससे परिवार के छह सदस्य बेघर हो गए हैं।

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जिले में बारिश होने से जन जीवन पटरी से उतरने लगा है। पिछले चार दिनों से सुबह लगभग चार घंटे तक झमाझम बारिश हो रही है। जिसके कारण सरयू, गोमती का जलस्तर भी बढ़ गया है। नदी कटाव होने से भूकटाव का भय बना हुआ है। नदियों की तरफ जाने से जिला प्रशासन ने रोक लगाई है। जबकि शुक्रवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से भयूं-गडेरा, पंत क्वैराली, जखेड़ा-लमचूला, डंगोली-सैलानी, सिमगड़ी, शामा-गोगिना, कपकोट-कर्मी, बघर, धरमघर-माजखेत, पुड़कुनी, शामा-नाकुड़ी समेत 11 मोटर मार्ग आवागमन के लिए बंद हो गए हैं। 

     उधर, अतिवृष्टि से सिलड़ी गांव निवासी शंकर राम पुत्र दीवान राम का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के छह सदस्य बेघर हो गए हैं। चौरासी नई बस्ती में नीरज कुमार पुत्र हरी राम का आवासीय मकान भी आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि प्रभावितों को अहैतुक राशि के लिए कार्रवाई की जा रही है। बंद सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

कठायतबाड़ा में विद्युत आपूर्ति बाधित

बारिश के कारण लोनिवि दफ्तर कठायतबाड़ा के समीप एक पेडृ बिजली की लाइन पर गिर गया। जिससे लाइन को भारी क्षति हो गई। कठायतबाड़ा क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति घंटों बाधित रही। हालांकि भारी मशक्कत के बाद अपराह्न तक ऊर्जा निगम ने पेड़ हटाकर और लाइन दुरुस्त की। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।


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