108 एंबुलेंस सेवा के 930 कार्मिकों के भविष्य पर सकंट के बादल, जानिए क्या है मामला
प्रदेश में आठ मार्च से 108 एंबुलेंस सेवा का जेवीके ईएमआरआइ के साथ अनुबंध खत्म हो रहा है जिससे इसके 930 कर्मचारियों के भविष्य पर संकट गहरा गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : प्रदेश में आठ मार्च से 108 एंबुलेंस सेवा का जेवीके ईएमआरआइ के साथ अनुबंध खत्म हो रहा है, जिससे इसके 930 कर्मचारियों के भविष्य पर संकट गहरा गया है। जेवीके प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के नोटिस भी भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक नई कंपनी की तरफ से इनकी सेवा बहाल रखने की दिशा में कोई बात नही की गई है। ऐसे में आठ मार्च के बाद इन कर्मचारियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
प्रदेश में जीवीके ईएमआरआइ कंपनी 108 सेवा संचालित कर रही है। कंपनी की प्रदेश भर में 108 की 139 और खुशियों की सवारी की 95 गाडिय़ां चल रही हैं। आठ मार्च 2008 में राज्य सरकार ने इसे चलाने के लिए जेवीके कंपनी के साथ करार किया था। लेकिन ये 15 मई 2008 से चल पाईं। बताया जा रहा है कि इसके स्थान पर कैंप नाम की दूसरी कंपनी आ रही है, मगर इस कंपनी के साथ अभी तक कर्मचारियों का कोई अनुबंध नहीं हुआ है। ऐसे में कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
क्या कहता है बजट का गणित
108 के रखरखाव, ईंधन व संचालन आदि के लिए सालाना 22 करोड़ का बजट तय है। यह रकम कंपनी को त्रैमासिक दी जाती है। एक गाड़ी के रखरखाव पर महीने में एक लाख 21 हजार रुपये का खर्च आता है।
10 साल से दे रहे सेवा
कर्मचारियों का कहना है कि 10 साल से वह सेवा दे रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी नौकरी का भविष्य सुरक्षित नहीं हो पाया। मार्च में अनुबंध खत्म हो जाएगा ये पता था, पर नौकरी छोडऩे का नोटिस आ जाएगा, इसकी जानकारी नही थी। कर्मचारियों ने दो माह से वेतन नहीं मिलने की भी शिकायत की है।
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