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फिर सताने लगी मान्यता की चिंता, अभी तक नहीं भरी रिक्त सीटें

सत्र 2020-21 के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से मिलने वाली मान्यता की चिंता केएल पॉलीटेक्निक को सताने लगी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 02:00 PM (IST)
फिर सताने लगी मान्यता की चिंता, अभी तक नहीं भरी रिक्त सीटें
फिर सताने लगी मान्यता की चिंता, अभी तक नहीं भरी रिक्त सीटें

रुड़की, रीना डंडरियाल। केएल पॉलीटेक्निक को सत्र 2020-21 के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) से मिलने वाली मान्यता की चिंता सताने लगी है। वजह ये है कि अभी तक कॉलेज में शिक्षकों के रिक्त पदों पर कोई भर्ती नहीं हो सकी है, जबकि कॉलेज प्रबंधन की ओर से इस संबंध में कई बार निदेशालय को पत्र लिखा जा चुका है। शिक्षकों और छात्रों के बीच का अनुपात मानकों के अनुसार नहीं होने के कारण सत्र 2019-20 में एआइसीटीई ने पहले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की मान्यता रद कर दी थी। वहीं, बाद में मान्यता देते हुए सीटों में कटौती की थी। 

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एआइसीटीई की गाइड लाइन के अनुसार 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए, जबकि शिक्षकों की कमी से जूझ रहा केएल पॉलीटेक्नीक इन मानकों को पूरा नहीं कर पा रहा है। वर्तमान में कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल प्रोडक्शन, मैकेनिकल आटो, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन और पीजीडीसीए में कुल 815 सीटें हैं।

वर्तमान में 680 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि शिक्षकों की संख्या मात्र 15 है। अभी तक कॉलेज में रिक्त पदों में भर्ती नहीं हो सकी है। कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि कॉलेज में शिक्षकों के कुल 38 पद सृजित हैं। जबकि संस्थान में मात्र 15 शिक्षक ही तैनात हैं। बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निदेशालय को कई बार इस संबंध में पत्र लिखा जा चुका है।

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पिछले सत्र में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की नहीं मिली थी मान्यता 

शिक्षकों और छात्रों के बीच का अनुपात मानकों के अनुसार नहीं होने पर एआइसीटीई ने केएल पॉलीटेक्नीक को सत्र 2019-20 के लिए डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की मान्यता नहीं दी थी। जिसके बाद संस्थान प्रबंधन की ओर से इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने केएल पॉलीटेक्नीक को एआइसीटीई में दोबारा से मान्यता के लिए अपील करने का समय दिया था। 

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वहीं, एआइसीटीई को निर्धारित समय में इस मामले में निर्णय देने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एआइसीटीई ने केएल पॉलीटेक्नीक को अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली बुलाया था। प्रधानाचार्य समेत एक टीम ने एआइसीटीई के समक्ष अपना पक्ष रखा था। जिसके बाद एआइसीटीई ने केएल पॉलीटेक्नीक के सत्र 2019-20 के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की मान्यता पर लगाई रोक हटा दी थी, लेकिन 340 सीटों के स्थान पर संस्थान को मात्र 135 सीटों के लिए ही एआइसीटीई ने मान्यता दी है। जबकि आटोमोबाइल ब्रांच में दाखिले नहीं हो सके थे। क्योंकि इसके लिए एआइसीटीई ने मान्यता नहीं दी है। 

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