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सिस्टम से हारी बेचारी, नाले किनारे कूड़े के ढेर पर जना बच्चा

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के सरकारी दावों की सोमवार को कलई खुल गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा से गर्भवती कराहती रही लेकिन डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उसकी मदद को आगे नहीं आए। सिस्टम से हारी बेचारी महिला स्वास्थ्य केंद्र के बाहर नाले के किनारे कूड़े के ढेर पर बच्चे को जन्म देने को विवश हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 08:15 PM (IST)
सिस्टम से हारी बेचारी, नाले किनारे कूड़े के ढेर पर जना बच्चा
सिस्टम से हारी बेचारी, नाले किनारे कूड़े के ढेर पर जना बच्चा

संवाद सूत्र, बहादराबाद: संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के सरकारी दावों की सोमवार को कलई खुल गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा से गर्भवती कराहती रही, लेकिन डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उसकी मदद को आगे नहीं आए। सिस्टम से हारी बेचारी महिला, स्वास्थ्य केंद्र के बाहर नाले के किनारे कूड़े के ढेर पर बच्चे को जन्म देने को विवश हुई। सोचनीय यह कि यहां भी कोई स्वास्थ्यकर्मी उसकी मदद को आगे नहीं आया। स्वजन ने चादर का पर्दा बनाकर प्रसव कराया। आसपास के लोगों ने 108 एंबुलेंस सेवा को फोन कर जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल भिजवाया। हैरत की बात यह कि इतना बड़ा मामला होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी मामले से अनभिज्ञता जताते रहे।

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जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के भले लाख दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। सोमवार को रोशनाबाद निवासी गर्भवती रामिया को प्रसव पीड़ा हुई। स्वजन उसे लेकर बहादराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने पिछले दिनों प्रसव केंद्र में आग लगने की वजह से प्रसव केंद्र बंद होने और उसे अन्यत्र ले जाने की सलाह दी। इस दौरान महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ी। मजबूरन उनके स्वजन को चिकित्सा केंद्र के निकट नाले के किनारे कूड़े के ढेर पर चादर का पर्दा बनाकर महिला का प्रसव कराना पड़ा। हैरत की बात यह कि स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात कोई भी जिम्मेदार उनकी सहायता को आगे नहीं आया। आसपास के लोगों ने ही 108 को फोन कर जच्चा बच्चा को महिला अस्पताल भिजवाया। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डा. सुबोध जोशी ने इस तरह के मामले से अनभिज्ञता जताई। बताया कि लेबर रूम अस्थायी रूप से बंद होने के बावजूद चिकित्साकर्मी तैनात किए गए हैं। जो गर्भवती महिला को जांच उपरांत 108 के माध्यम से महिला अस्पताल भिजवा देते हैं। बताया कि यदि ऐसा कोई मामला है तो उसकी जांच कर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। तीन माह पहले लगी आग अब तक नहीं ली सुध

बहादराबाद: स्वास्थ्य केंद्र के प्रसव केंद्र पर 12 अगस्त को रहस्यमय परिस्थितियों में आग लगी थी। तीन माह से अधिक वक्त होने के बाद भी अब तक दोबारा व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है। हैरत की बात यह कि प्रसव केंद्र में आग कैसे लगी इसकी जानकारी को कमेटी तक नहीं बनाई गई है।

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प्रसूता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंची। केंद्र से करीब 200 मीटर दूर कलियर रोड पर निजी वाहन में प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। करीब दो माह पहले स्वास्थ्य केंद्र के लेबर रूम में रहस्यमय परिस्थितियों में आग लग गई थी। इस वजह से यह सुविधा बाधित है। जल्द से जल्द लेबर रूम शुरू करने की कवायद की जा रही है। आग किन कारणों से लगी थी उसके लिए कमेटी गठित की जाएगी।

-डा. कुमार खगेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हरिद्वार


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