केंद्रों पर नियमित रूप से नहीं हो रही तोल, किसान परेशान
जिले के चंद प्रभावशाली गन्ना किसानों ने पूरे जिले की गन्ना आपूर्ति व्यवस्था को गड़बड़ा दिया है। आवंटित क्रय केंद्रों को लेकर हर रोज संशोधन हो रहे हैं। इसकी वजह से आम किसान परेशान है। पूरे जिले में अराजकता की स्थिति बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, रुड़की : जिले के चंद प्रभावशाली गन्ना किसानों ने पूरे जिले की गन्ना आपूर्ति व्यवस्था को गड़बड़ा दिया है। आवंटित क्रय केंद्रों को लेकर हर रोज संशोधन हो रहे हैं। इसकी वजह से आम किसान परेशान है। पूरे जिले में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। हालात यह है कि तोल केंद्रों पर नियमित रूप से गन्ने की तोल नहीं हो पा रही है। 15 दिन बीत जाने के बावजूद किसी किसान की एक गन्ना पर्ची तो किसी की दो गन्ना पर्ची ही आई है।
हरिद्वार जिले में किसान सबसे अधिक गन्ने की खेती करते है। इस बार जिले की चीनी मिलों ने दस नवंबर से लेकर 12 नवंबर के बीच पेराई सत्र शुरू कर दिया था। गन्ना विभाग की ओर से किसानों के प्रस्ताव एवं पिछले साल आवंटित किए गए क्रय केंद्रों के आधार पर क्रय केंद्रों का आवंटन कर दिया। क्रय केंद्र चालू होते ही प्रभावशाली किसानों ने एक बार फिर गन्ना विभाग में हस्तक्षेप कर दिया है। दबाव बनाकर प्रतिदिन क्रय केंद्रों को आवंटित कर रहे हैं। इससे गन्ना पेराई सत्र गड़बड़ा गया है। स्थिति यह है कि कभी किसी चीनी मिल का क्रय केंद्र आवंटित कर दिया जा रहा है तो कभी किसी चीनी मिल का। बार-बार संशोधन से तोल नहीं हो पा रही है।
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किसानों को याद आए रयाल
रुड़की : गन्ना विभाग में तीन साल तक बतौर गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने कामकाज देखा। क्रय केंद्रों के आवंटन को लेकर उनकी स्पष्ट नीति थी कि यदि 70 प्रतिशत किसान तोल केंद्र बदलवाने का प्रस्ताव देते हैं तो ही क्रय केंद्र बदला जाएगा। साथ ही उन्होंने पेराई सत्र शुरू होने के बाद तोल केंद्र बदले जाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। जिसकी वजह से आम किसान को भी गन्ना आपूर्ति करने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। इस साल पेराई सत्र की शुरुआत से ही परेशानी आ रही है। किसान नेता गुलशन रोड, महकार सिंह ने बताया कि इस बार वास्तव में आम किसान परेशान है। उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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क्रय केंद्र के बदलाव पर लगाई रोक
रुड़की: गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि किसानों के प्रस्ताव पर ही तोल केंद्रों का बदलाव किया जा रहा है। जब उन्हें आम किसान की परेशानी बताई तो उन्होंने कहा कि तोल केंद्र के बदलाव पर रोक लगा दी गई है। अब तोल केंद्र का बदलाव नहीं होगा।