गंगा का जलस्तर बढ़ा, सहमे कांगड़ी के ग्रामीण
पहाड़ में हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है जिससे कांगड़ी गांव के ग्रामीण सहम गए हैं। बढ़े जलस्तर से गंगा का पानी वायर क्रेट के बगल से होते हुए सिद्धस्त्रोत नाले तक पहुंच गया है।
संवाद सूत्र, लालढांग: पहाड़ में हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कांगड़ी गांव के ग्रामीण सहम गए हैं। बढ़े जलस्तर से गंगा का पानी वायर क्रेट के बगल से होते हुए सिद्धस्त्रोत नाले तक पहुंच गया है। ग्रामीण सिचाई विभाग पर मंत्री के आदेशों को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे हैं।
कांगड़ी गांव बाढ़ की दृष्टि से पूर्व से ही संवेदनशील रहा है। 2013 की त्रासदी के बाद कांगड़ी के सामने गंगा नदी का भूगोल पूरी तरह बदल चुका है। जहां पूर्व में गंगा की धारा गांव से करीब 300 मीटर दूर बहा करती थी। वहीं बाढ़ के बाद वह गांव से सटकर बहने लगी। ग्रामीणों ने बाढ़ से गांव को बचाने के लिए सिचाई विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। वहीं तत्कालीन विधायक स्वामी यतीश्वरानंद भी ग्रामीणों के साथ गंगा तट पर ही धरने पर बैठ गए थे। उस समय सिचाई विभाग ने तत्काल गंगा तट पर वायर क्रेट लगाने का काम शुरू कर दिया था। तबसे लेकर अब तक हर वर्ष सिर्फ बरसात के दौरान ही गंगा में बाढ़ से सुरक्षा के उपाय किए जाते हैं। निवर्तमान प्रधान राजेश कुमार, सुंदर कुमार, सनोज पाल, रविद्र, बबलू पाल ने कहा कि सिचाई विभाग पैसों की बंदरबांट करने के लिए बरसात के दौरान ही वायर क्रेट लगाने का काम करता है, जो अगली बरसात में बह जाते हैं। पिछले वर्ष तत्कालीन सिचाई मंत्री सतपाल महाराज और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कांगड़ी गांव का निरीक्षण कर अधिकारियों को तत्काल गांव को बाढ़ से बचाने के लिए सुरक्षा के उपाय करने के साथ ही पानी को चैनेलाइज (पोकलैंड से गंगा को खोद गहरी धारा बनाना) करने को निर्देशित किया था। अधिकारियों की लापरवाही का आलम देखिए, दो-दो कैबिनेट मंत्री के आदेश भी उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। अब पहाड़ सहित मैदानी इलाके में भी बारिश हो रही है, जिससे गंगा का पानी सिद्ध स्त्रोत नाले की ओर रुख कर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अभी हालात नियंत्रण में हैं, जब बरसात अपने चरम पर होगी तो गांव पर बाढ़ कहर बरपा सकता है। वहीं मामले में सिचाई विभाग के अवर अभियंता जिले सिंह ने बताया कि पानी के चैनेलाइजेशन के लिए फाइल खनन विभाग में भेजी जा चुकी है। फिलहाल वहां से स्वीकृति नहीं मिली है और वायर क्रेट मरम्मत के लिए प्रस्ताव शासन में लंबित है। प्रस्ताव पास होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।