शुभ कार्यों के लिए अभी एक महीने और करना होगा इंतजार
पितृ पक्ष संपन्न होने के बाद भी इस साल नागरिकों को शुभ कार्य करने के लिए इंतजार करना होगा।
जागरण संवाददाता, रुड़की: पितृ पक्ष संपन्न होने के बाद भी इस साल नागरिकों को शुभ कार्य करने के लिए एक महीने का इंतजार और करना पड़ेगा। 16 अक्टूबर तक मलमास होने की वजह से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे।
पितृ पक्ष के समापन के बाद हर साल अगले दिन से मां दुर्गा के नवरात्र प्रारंभ हो जाते थे, लेकिन इस वर्ष लगभग 165 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि पितृ पक्ष के बाद नवरात्र की बजाय मलमास लग रहे हैं। जहां पितृ पक्ष में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नई वस्तुओं की खरीदारी आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं वहीं मलमास में भी शादी, मुंडन, गृह प्रवेश को करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में शुभ कार्यों को करने के लिए नागरिकों को एक महीने और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस साल पितृ पक्ष संपन्न होने के अगले दिन नवरात्र शुरू नहीं होंगे। मलमास में जहां शुभ कार्यों को करना वर्जित है वहीं इस मास में जप, तप, यज्ञ आदि धार्मिक कार्य करने से भगवान विष्णु के साथ ही भोले शंकर की भी कृपा प्राप्त होती है। साकेत स्थित दुर्गा चौक मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित जगदीश प्रसाद पैन्यूली ने बताया कि नवरात्र सिद्ध मुहूर्त होता है। वहीं मलमास यानि पुरुषोत्तम मास के कारण अब 17 अक्टूबर से ही शुभ कार्य प्रारंभ हो सकेंगे।