स्टोन क्रशर संचालकों की मनमानी से वाहन मालिक परेशान
लालढांग क्षेत्र में स्टोन क्रशर संचालकों की मनमानी से खनन कारोबार से जुड़े वाहन मालिक परेशान हैं। क्रशर संचालकों की ओर से लागत से कम दाम में खनन सामग्री लेने से वाहन मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

संवाद सूत्र, लालढांग: लालढांग क्षेत्र में स्टोन क्रशर संचालकों की मनमानी से खनन कारोबार से जुड़े वाहन मालिक परेशान हैं। क्रशर संचालकों की ओर से लागत से कम दाम में खनन सामग्री लेने से वाहन मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से वन विकास निगम के खनन का काम बंद पड़ा है। जिससे रोजाना सरकार को करीब 15 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।
वन विकास निगम की ओर से प्रत्येक वर्ष लालढांग और भोगपुर क्षेत्र में करीब छह माह के लिए खनन चुगान का कार्य कराया जाता है। जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन वर्तमान में लालढांग स्थित स्टोन क्रशर संचालकों की मनमानी स्थानीय खनन कारोबारियों के साथ सरकार के लिए भी मुसीबत खड़ी कर रहा है।
दरअसल एक सप्ताह से क्षेत्र के स्टोन क्रशर संचालक वाहन स्वामियों से निगम से मिलने वाली खनन सामग्री के दाम से भी कम दाम में खनन सामग्री लेने का दवाब बना रहे हैं। लागत कम होने के चलते वाहन स्वामी अब खनन चुगान का काम करने से कतरा रहे हैं। जिससे अब उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वाहन स्वामियों की माने तो साल में मुश्किल से छह माह ही निगम का खनन कार्य चल पाता है। उसमें भी कभी बरसात और कभी रास्ते की समस्या के कारण काम नहीं चल पाता है। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या वाहनों के टैक्स चुकाने की होती है। ऐसे में मांग है कि अगर निगम खनन चुगान का काम करता है तो जिला प्रशासन को सामग्री की निकासी के लिए भी ठोस नियम बनाने चाहिए। जिससे स्टोन क्रशर संचालक अपनी मनमानी न थोप सकें।
प्रभागीय लौगिग अधिकारी (डीएलएम) शेरसिंह ने बताया कि स्टोन क्रशर सस्ते दाम में वाहन स्वामियों से खनन सामग्री ले रहे हैं जिसमें उनको नुकसान पहुंच रहा है। डोईवाला और अन्य स्थानों से निजी पट्टों से सस्ते दाम में खनन सामग्री मिलना भी एक कारण है। रोजाना निगम को इससे करीब 15 लाख के राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है।
Edited By Jagran