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हरिद्वार जिले को कुपोषण मुक्त करेगी 'ऊर्जा'

जागरण संवाददाता, रुड़की: हरिद्वार जिले के अति कुपोषित नौनिहालों को ऊर्जा (रेडी टू यूज थेर

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 03:04 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 03:04 AM (IST)
हरिद्वार जिले को कुपोषण मुक्त करेगी 'ऊर्जा'
हरिद्वार जिले को कुपोषण मुक्त करेगी 'ऊर्जा'

जागरण संवाददाता, रुड़की: हरिद्वार जिले के अति कुपोषित नौनिहालों को ऊर्जा (रेडी टू यूज थेराप्यूटिक फूड) के जरिए कुपोषण मुक्त किया जाएगा। स्थानीय खाद्यान्न से युक्त इस खाद्य सामग्री को हर माह टेक होम राशन (टीएचआर) के साथ अति कुपोषित बच्चों को दिया जाएगा। सामान्य श्रेणी में आने के दो माह बाद तक इन्हें ऊर्जा दी जाएगी। फिलहाल जिले में 500 के आसपास बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में हैं।

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महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से नौनिहालों को कुपोषण की समस्या से मुक्त करने के लिए एक नई पहल की जा रही है। इसके तहत जिले में छह माह से लेकर पांच वर्ष तक की आयु के अति कुपोषित बच्चों को हर माह दिए जाने वाले टीएचआर के साथ रेडी टू यूज थेराप्यूटिक फूड (आरयूटीएफ) दिया जाएगा। आरयूटीएफ को ऊर्जा नाम दिया गया है। इसे गेहूं के आटे, सोयाबीन, भुना चना, भुनी मूंगफली, चीनी अथवा गुड़, घी और मंडुवे के आटे के मिश्रण से तैयार किया गया है। ऊर्जा को गुनगुने दूध अथवा पानी के साथ अति कुपोषित बच्चों को दिया जाएगा। बच्चों की आयु के अनुसार इस खाद्य सामग्री को उन्हें अलग-अलग मात्रा में दिन में दो बार दिया जाना है।

रुड़की ब्लॉक की बात करें तो यहां तीन बाल विकास परियोजनाएं हैं। इनमें ग्रामीण प्रथम में 39, ग्रामीण द्वितीय में 19 और शहरी परियोजना में 17 अति कुपोषित बच्चे हैं। वैसे तो ब्लॉक के कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में इस माह से अति कुपोषित बच्चों को टीएचआर के साथ ऊर्जा खाद्य सामग्री दी जाने लगी है, लेकिन 22 सितंबर को जिलाधिकारी रुड़की ब्लॉक से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। अगले माह से विधिवत रूप से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आरयूटीएफ दिया जाएगा।

बाल विकास परियोजना शहरी के सीडीपीओ संदीप कुमार अरोड़ा ने बताया कि अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण की समस्या से बचाने में ऊर्जा कारगर साबित होगा। यह स्थानीय खाद्यान्नों के मिश्रण से बनाया गया पेस्ट है। बताया कि छह माह से एक साल तक के बच्चों को महीने में एक किलो 250 ग्राम आरयूटीएफ दिया जाएगा। इसके लिए मासिक बजट 136.25 रुपये निर्धारित है। जबकि एक साल से लेकर पांच साल तक के अति कुपोषित बच्चों को प्रति माह दो किलो 500 ग्राम आरयूटीएफ दिया जाएगा। इसका मासिक बजट 272.50 रुपये होगा।


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