पंचायत चुनाव को लेकर बेकरारी, किसकी होगी दावेदारी
जिले में पंचायत चुनाव में देरी होती जा रही है। इस साल पंचायतों के चुनाव होने के दूर-दूर तक कोई आसार नहीं है। अब हर किसी की दिलचस्पी इस बात को लेकर है कि इस बार किसकी दावेदारी होगी।
जागरण संवाददाता, रुड़की : जिले में पंचायत चुनाव में देरी होती जा रही है। इस साल पंचायतों के चुनाव होने के दूर-दूर तक कोई आसार नहीं है। अब हर किसी की दिलचस्पी इस बात को लेकर है कि इस बार किसकी दावेदारी होगी। प्रधान पद सामान्य वर्ग में जाएगा या आरक्षित वर्ग के लिए सुरक्षित होगा। अब दस दिसंबर को मतदाताओं की अनंतिम सूची जारी की जाएगी।
हरिद्वार जिले में पंचायतों का कार्यकाल 28 मार्च में पूरा हो गया है। पिछले साल अक्टूबर में पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया की गई थी। लेकिन, बाद में यह प्रक्रिया रोक दी गई। इसी बीच कई ग्राम पंचायतों को नगर पंचायतों में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद से प्रक्रिया को फिर से रोक दिया गया। इसी बीच मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा तो सरकार ने पंचायत चुनाव कराने से पूर्व की प्रक्रिया में तेजी दिखाई। पहले आरक्षण की सूची 29 नवंबर को जारी होनी थी, अब इसको 10 दिसंबर कर दिया है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमर आलम, पूर्व प्रधान रियासत अली, अनिल कुमार आदि ने बताया कि सरकार की मंशा पंचायतों में प्रशासनिक मशीनरी को बैठाने की थी। अब आरक्षण की प्रक्रिया को भी बेहद धीमी गति से किया जा रहा है। ऐसे में इस साल तो चुनाव होने के आसार ही नहीं है।
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प्रशासकों का दो बार बढ़ा कार्यकाल
रुड़की: पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल दो बार बढ़ चुका है। पहली बार 28 मार्च को प्रशासकों को पंचायतों की जिम्मेदारी दी गई थी। दूसरी बार में 28 सितंबर को कार्यकाल को बढ़ा दिया गया था। इसी तरह से जिला पंचायत के प्रशासक का कार्यकाल भी दो बार बढ़ चुका है।